Article 370: भारत के कदम से बौखलाया पाकिस्तान

सरकार ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना जरूरी था, क्योंकि इससे जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता था। सरकार ने कश्मीर के राजनीतिक दलों की निंदा की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं, जो लगातार संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध कर रहे थे। वहीं भारत के फैसले से सबसे ज्यादा पाकिस्तान घबराया हुआ है।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए मंगलवार को (आज) कॉर्प्स कमांडरों की बैठक बुलाई है। जियो न्यूज के अनुसार, कॉर्प्स कमांडरों की बैठक का एजेंडा जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के कदम और नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात तथा कश्मीर में उसके असर का विश्लेषण करना है।

इसके पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के दो सहयोगी देशों मलेशिया और तुर्की के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात की और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के इस कदम को अवैध करार दिया और कहा कि इससे क्षेत्र की शांति नष्ट हो जाएगी।

इमरान ने मलेशियाई प्रधानमत्री महाथिर मोहम्मद से कहा, “भारत के इस कदम से दो परमाणु सम्पन्न पड़ोसियों के बीच संबंध और बिगड़ेंगे।” इस पर मोहम्मद ने कहा कि उनका देश कश्मीर की स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है और वह पाकिस्तान के संपर्क में रहेगा।

इमरान ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एदोर्न से भी फोन पर बात की, और एदोर्गन ने भारत अधिकृत कश्मीर में बिगड़ते हालात पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान को भरोसा दिया कि उनका देश पाकिस्तान का समर्थन जारी रखेगा।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता था। अब जम्मू एवं कश्मीर राज्य न रहकर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट जाएगा, जिसमें से एक जम्मू एवं कश्मीर और दूसरा लद्दाख होगा। जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts