हींग हमारे लिए कैसे लाभदायक है पेट की समस्याओं का इलाज?

हींग विभिन्न प्रकार की पेट की समस्याओं का इलाज करने के लिए एक अति उत्तम उपाय है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-फ्लैटुलेंट गुण होते हैं जो अपच, खराब पेट, गैस, पेट के कीड़े, उदर-स्फीति (पेट फूलना) और इर्रिटेबल आंत्र सिंड्रोम (आई.बी.एस.) जैसे समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। यह भोजन विषाक्तता (फ़ूड पोइज़निंग) के उपचार में भी उपयोगी माना जाता है।

पेट से सम्बंधित समस्याओं का उपचार करने के लिए निम्नलिखित उपाय का अनुसरण करें –

करी या दैनिक आहार में हींग को एक मसाले के रूप में शामिल करें।
डेढ़ कप पानी में हींग के कुछ छोटे टुकड़ों को अच्छे से घुलने दें। अपना भोजन खाने के बाद रोजाना इस घोल को पियें।
हींग पाउडर के लाभ हैं श्वसन प्रणाली के लिए –

हींग के विस्मयकारी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-बायोटिक प्रभाव के कारण, हींग अक्सर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, शुष्क खांसी, काली खांसी और सर्दी जैसी श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह एक श्वसन उत्तेजक के रूप में कार्य करता है, जो सीने में पीड़ा उत्पन्न कर रही कन्जेशन से राहत प्रदान करता है और यह कफ का निष्कासन करने में बहुत उपयोगी है।

श्वसन सम्बंधित समस्याओं से राहत पाने के लिए, निम्नलिखित उपाय का पालन करें –

पानी में हींग पीसकर एक पेस्ट तैयार कर लें और फिर इसे अपनी छाती पर लगा लें। यह खांसी से राहत पाने के लिए एक प्रभावी उपाय है।
डेढ़ चमच्च हींग पाउडर, डेढ़ चम्मच सूखे अदरक का पाउडर और शहद के दो चम्मच मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण का सेवन दिन में कम से कम तीन बार सूखे खाँसी, खांसीदार कफ, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से राहत पाने के लिए करें। (और पढ़ें – सौंफ का प्रयोग करे श्वसन समस्याओं के लिए)
हींग का प्रयोग दिलाये मासिक धर्म दर्द से छुटकारा –

हींग वास्तव में महिलाओं के लिए एक वरदान है, क्योंकि यह मासिक धर्म के दर्द, अनियमित माहवारी और मासिक धर्म के दौरान भारी रक्त प्रवाह से छुटकारा पाने में मदद करता है। हींग प्रोजेस्टेरोन स्राव को बढ़ा देता है और सामान्य रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है और मासिक धर्म से अन्य सम्बंधित समस्याओं से भी राहत प्रदान करता है।

मासिक धर्म से सम्बंधित परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए –

एक कप छाछ में एक चुटकी भर हींग, डेढ़ चमच्च मेथी पाउडर और स्वादानुसार नमक मिलाएं।
मासिक धर्म की अवधि के दौरान होने वाले दर्द और असुविधा को कम करने के लिए हर महीने दो या तीन बार इस स्वस्थ पेय का सेवन करें।
हींग खाने के फायदे हैं सिर दर्द में उपयोगी – आम सर्दी या माइग्रेन के कारण आपके सिर दर्द होने पर, हींग निश्चित रूप से आपकी समस्या को हल कर सकता है। अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग सिर में रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जो बदले में सिर दर्द को कम करती है।

अपने सिर दर्द को शांत करने के लिए –

डेढ़ कप पानी में थोड़ा सा हींग उबलने के लिए गैस पर चढ़ाएं। इसे लगभग 15 मिनट के लिए उबलने दें और दिन में कई बार इसका सेवन करें। इससे आपको कम तनाव वाले सिर दर्द से राहत मिलेगी।
हींग, सूखे अदरक और कपूर प्रत्येक का एक चम्मच और कंकोल या सुगंध मरिच के दो चम्मच में एक पेस्ट बनाने के लिए पर्याप्त दूध या गुलाब का पानी मिलाएं। चिंता या माइग्रेन के सिर दर्द का इलाज करने के लिए इस पेस्ट को अपने माथे पर लगाएं।
हींग के गुण हैं दांत दर्द में लाभकारी –

हींग के एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण, हींग दांत दर्द और उनमें हुए संक्रमण को कम करने में मदद कर सकता है। यह मसूड़ों से खून निकलना और दंत क्षय के उपचार में भी सहायता का हाथ बढ़ाता है।

दाँत सम्बंधित समस्याओं से राहत पाने के लिए, इन उपचारों में से किसी एक उपचार का पालन दिन में कई बार तब तक करें, जब तक आपको राहत नहीं मिलती –

दाँत दर्द से राहत पाने के लिए दर्द कर रहे दांत पर हींग का एक छोटा सा टुकड़ा रखें।
आप हींग की मदद से कुल्ला कर सकते हैं। इसके लिए एक कप पानी में थोड़ी सी हींग और कुछ लौंग उबालें। जब घोल गुनगुना हो तो इसको कुल्ला करने के लिए उपयोग करें।
आप आधा चमच्च हींग और दो चमच्च नींबू का रस मिलाकर लप्सी भी बना सकते हैं। दांत के दर्द से राहत पाने के लिए इस लप्सी को प्रभावित दांत पर एक रुई की मदद से लगाएं।
हींग का उपयोग करे कान के दर्द को कम करने में –

हींग के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बायोटिक गुण संक्रमण प्रेरित कान के दर्द से राहत प्रदान करने में सहायक साबित हो सकते हैं।

एक छोटे पैन में नारियल का तेल गर्म कर लें।
तेल गर्म होने के पश्चात, इसमें हींग का एक छोटा सा टुकड़ा डालें और उसे पिघलने दें।
जब यह गुनगुना हो जाए, इस मिश्रण का प्रयोग कान के ड्रोप के रूप में करें।
आप इस मिश्रण के दो या तीन बूंदों का उपयोग कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार दोहरा सकते हैं।
हींग के लाभ हैं कोलिक दर्द के लिए –

नवजात शिशुओं में शूल दर्द या पेट दर्द बहुत ही आम बात है। हींग गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट की लाइनिंग म्यूकस मेम्ब्रेन को शांत कर शिशुओं को शूल दर्द से राहत दिलाने में मददगार है।

पेट में दर्द का इलाज करने के लिए हींग का उपयोग करने से पहले इस बात को सुनिश्चित करें कि कहीं आपका बच्चा गैस से पीड़ित तो नहीं या फिर उसे कुछ अन्य समस्या तो नहीं है। यदि आपके बच्चे का पेट टाइट और फूला हुआ लग रहा है, तो वह गैस से त्रस्त हो सकता है।

गर्म पानी और हींग की मदद से एक पतला-सा पेस्ट तैयार कर लें।
नाभि के आसपास के क्षेत्र पर इस पेस्ट को लगा दें और ध्यान रहे कि पेस्ट नाभि के अंदर ना जाए।
आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
नोट – शिशुओं और बच्चियों के लिए, आंतरिक रूप से हींग की खुराक देना उचित नहीं है।

हींग के औषधीय गुण करें कैंसर से शरीर की रक्षा –

क्योंकि हींग एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है, यह शरीर को फ्री-रेडिकल क्षति से बचाने में मदद करता है। अध्ययनों से पता चलता है कि हींग का एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण घातक कोशिकाओं के विकास को रोक शरीर का कैंसर से बचाव करने में मदद करता है।

हींग के कई यौगिकों में कैंसर का इलाज करने या उसके विकास को रोकने की क्षमता है, जिनमें से दो सबसे व्यापक रूप से शोध किए गए यौगिक हैं उम्ब्रेलिप्रेनिन और फेरिलिक एसिड। यह दोनों यौगिक ही नए कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं।

हींग और शहद के फायदे करें नपुंसकता का इलाज –

हींग का इस्तेमाल पुरुषों के लिए नपुंसकता या स्तंभन दोष के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

एक-चौथाई हींग के चमच्च को घी में फ्राई कर लें।
फ्राई करने के पश्चात गैस बंद कर दें और उसमें बरगद के पेड़ के ताजे लेटेक्स का आधा चम्मच और थोड़ा-सा शहद मिलाएं।
रोजाना सुबह 40 दिन के लिए एक बार इस मिश्रण का सेवन करें।

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