5 साल में पहली बार बढ़ी हथियारों की सेल

दुनियाभर में हथियार और सैन्य सेवा बेचने वाली कंपनियों ने 2016 में 24 लाख 13 हजार 712 करोड़ रुपये ($ 378 अरब) का कारोबार किया है. वैश्विक स्तर पर हथियारों और सैन्य सेवाओं की बिक्री का का ये आंकड़ा स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) ने जारी किया है. सिप्री का कहना है कि 2010 के बाद पहली बार वैश्विक स्तर पर हथियारों की खरीद में उछाल देखने को मिला है.

सिप्री के मुताबिक 2016 में हथियारों और सैन्य सेवाओं की टॉप 100 सेल 2015 के आंकड़ों (चीन की खरीद शामिल नहीं है) से 1.9 फीसदी अधिक है. सिप्री के मुताबिक हथियारों की बिक्री में 2010 के बाद से लगातार गिरावट दर्ज हो रही थी. वहीं 2016 में वैश्विक स्तर पर टॉप 100 सेल 2002 के मुकाबले 38 फीसदी अधिक है.

रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक हथियारों की सेल में इस तेजी की पहले से उम्मीद थी. इसके लिए कई देशों द्वारा नई सैन्य उपकरण नीति अपनाने, कई देशों में जारी संघर्ष और कई अहम क्षेत्रों में जारी तनाव जिम्मेदार है.

अमेरिका बेचता है आधे से ज्यादा हथियार

सिप्री द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 में अमेरिकी कंपनियों ने टॉप 10 सेल में अपनी हिस्सेदारी में 4 फीसदी का इजाफा किया है. 2016 के दौरान अमेरिकी कंपनियों ने वैश्विक बाजार में कुल 13 लाख 98 हजार 334 करोड़ रुपये के हथियार और सैन्य सेवाओं की बिक्री की जो कि टॉप 100 सेल का लगभग 58 फीसदी है.

इस अमेरिकी कंपनी ने किया सबसे बड़ा कारोबार

वहीं अमेरिका की सबसे बड़ा हथियार निर्माता लॉकहीड मार्टिन ने 2016 में 10.7 फीसदी अधिक बिक्री की है. लॉकहीड मार्टिन की सेल में डबल डिजिट ग्रोथ 2015 में उसके द्वारा हेलिकॉप्टर कंपनी सिकॉर्सकी के अधिग्रहण और बड़ी संख्या में एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने के कारण हुई है.

यूरोप में सेल के आंकड़े बराबर लेकिन कुछ कंपनियां टॉप पर

वैश्विक आंकड़ों में पश्चिमी यूरोप के देशों ने कुल 9,160 करोड़ डॉलर का कारोबार किया. यह सेल 2015 के मुकाबले महज 0.2 फीसदी अधिक है.हालांकि इन यूरोपीय देशों में यूनाइटेड किंगडम (यूके), फ्रांस, इटली और जर्मनी के सेल में बड़ा अंतर देखने को मिला है. यूके और जर्मनी की कंपनियों की सेल में इजाफा हुआ है वहीं इटली, फ्रांस समेत ट्रांस यूरोपीय देशों की कंपनियों की सेल गिर गई है.

2016 में जर्मनी की सेल में 6.6 फीसदी की बढ़त मुख्यरूप से क्रॉस-मफी वेगमैन के बख्तरबंद गाडियों की सेल में इजाफे के चलते हुई है. वहीं इंग्लैंड की कंपनियों ने वार्षिक सेल में 2 फीसदी की बढ़त दर्ज की है.

रूस ने भी बढ़ाया कारोबार

सीप्री रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में रूस की कंपनियों ने भी सेल में 3.8 फीसदी का इजाफा दर्ज किया है. इस साल के दौरान टॉप 100 सेल में रूस की कंपनियों ने कुछ 2260 करोड़ डॉलर के हथियार और उपकरण बेचे. सीप्री की सूचि में 10 रूसी कंपनियों में 5 कंपनियों की सेल में इजाफा दर्ज हुआ है वहीं 5 अन्य को नुकसान देखने को मिला.

वहीं रूस की हथियारों की सबसे बड़ी कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने सेल में 15.6 फीसदी का इजाफा दर्ज किया है. कंपनी को यह इजाफा रूसी एयरफोर्स को सप्लाई और अधिक एक्सपोर्ट के कारण देखने को मिली.

दक्षिण कोरिया की शानदार शुरुआत

उत्तर कोरिया के साथ जारी विवाद के चलते बीते एक साल के दौरान दक्षिण कोरिया की हथियार कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई है. 2016 के दौरान दक्षिण कोरिया की कंपनियों को सेल में 20.6 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. उत्तर कोरिया से जारी विवाद के बाद दक्षिण कोरिया ने अपनी रक्षा चुनौतियों को पूरा करने के लिए अपनी ही कंपनियों का सहारा लिया. हालांकि इस साल की उपलब्धि के बाद अब वह अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को हथियार और सैन्य सामग्री बेचने की नीति पर आगे बढ़ रहा है.

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