टैक्स बचाने के लिए 80C के तहत करना है निवेश?

नई दिल्ली
इनकम टैक्स रिटर्न भरने का वक्त अब नजदीक आ रहा है, ऐसे में यह हिसाब-किताब लगा लेना चाहिए कि रिटर्न भरते हुए छूट का लाभ कैसे उठाए जाए। रिटर्न भरते वक्त सेक्शन 80C, 80D आदि के तहत छूट दी जाती है। ऐसे में यह जानकारी होना चाहिए कि अंतिम वक्त पर क्या प्लानिंग करके कर देनदारी को कम किया जा सकता है।

क्या है 80C और 80D?
अगर किसी ने लाइफ इंश्योरेंस, बाजार से संबंधित निवेश (म्यूचुअल फंड), पीपीएफ, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) आदि में इन्वेस्ट किया हुआ है तो वह सेक्शन 80C के तहत छूट की मांग कर सकता है। वहीं अगर किसी ने खुद का या परिवार के सदस्यों का हेल्थ इंश्योरेंस करवाया हुआ है तो उसे 80D के तहत छूट मिलेगी। डोनेशन करने वालों को 80G और एजुकेशन लोन लेने वालों को 80E के तहत छूट दी जाती है। इनमें से किसी में भी निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। वे बातें नीचे दी गई हैं-

1. सबसे पहले यह देखें कि कुल इनकम में से कितना टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं। 80C के तहत कुल इनकम में से सालाना 1.5 लाख तक छूट ली जा सकती है। वहीं अगर लिमिट इससे ज्यादा हो रही है तो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश कर सकते हैं।

2. फिर यह देखा जाना चाहिए कि 80C के इतर कहां-कहां पैसा देना है, जैसे होम लोन, हेल्थ प्लान, एजुकेशन लोन। फिर देखें कि 80C के तहत कहां-कहां पैसा देना है, जैसे बच्चों की ट्यूशन फीस, लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम आदि। इस सबको जोड़कर देखें कि अभी कितनी रकम टैक्सेबल इनकम में आ रही है। उस हिसाब से कहीं निवेश करें।

3. निवेश मुख्यत: दो तरीके के होते हैं। एक होता है फिक्स, इसमें तय होता है कि कितना रिटर्न मिलेगा। वहीं दूसरा निवेश होता है मार्केट के हिसाब से रिटर्न देने वाला। पीपीएफ, NSC, सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम से निश्चित रिटर्न मिलता है। वहीं म्यूचुअल फंड का रिटर्न मार्केट के हिसाब से तय होगा।

4. ऊपर बताए गए निवेश के तरीके से किसी को चुनकर यह भी तय करना होगा कि कितने वक्त के लिए पैसा लगाना है। मीडियम से लॉन्ग टर्म प्लान की अवधि तीन से 15 साल तक होती है।

5. पैसा निवेश करने के बाद उसपर मिलने वाले रिटर्न पर जो टैक्स लगता है उसका भी ध्यान रखना होगा। जैसे एनएससी आपको 80C के तहत छूट तो दिलवाते हैं, लेकिन उनपर मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स देना होता है। एनएससी पर फिलहाल सालाना 7.8 प्रतिशत का रिटर्न मिल रहा है।

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