दिल्ली: निजी स्कूल में पांच वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म सफाईकर्मी ने बच्ची को चार बार बनाया शिकार

सीआर पार्क के ग्रेटर कैलाश पार्ट टू स्थित निजी स्कूल में पांच वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी सफाईकर्मी ने स्कूल में बच्ची को चार बार अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया।

पहली बार वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी हर दिन बच्ची पर नज़र रखता था। बच्ची जैसे ही अकेले कक्षा से बाहर बाथरूम की ओर जाती थी, आरोपी उससे वारदात को अंजाम देता था। किसी को यह बात नहीं बताने के लिए बच्ची को चॉकलेट देता था।

वहीं परिजनों का कहना है कि बच्ची से दुष्कर्म की सूचना के बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। जब उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों से मदद मांगी तब जाकर पुलिस जागी।

स्कूल ने पल्ला झाड़ा

पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी पिचूमुतु करीब 20 साल से स्कूल में सफाईकर्मी की नौकरी कर रहा था। परिजनों ने जब स्कूल प्रबंधन को बच्ची स्से दुष्कर्म की बात बताई तो प्रबंधन ने ऐसा कुछ भी स्कूल परिसर में नहीं होने की बात कही। पुलिस ने बच्ची का बयान लेकर आरोपी की पहचान करवाई तो आरोपी स्कूल का स्वीपर ही निकला। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन से जानकारी जुटाई और उसे गिरफ्तार कर लिया। स्कूल प्रबंधन ने कई बच्चों के परिजनों को मैसेज भेज कर सफाईकर्मी को स्कूल से निकाल देने की बात कर पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ लिया।

शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइन का स्कूल में खुलेआम उल्लंघन
ग्रेटर कैलाश पार्ट टू स्थित स्कूल में दुष्कर्म के मामले की प्राथमिक जांच के बाद सामने आया कि स्कूल में शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी गाइडलाइनों का पालन नहीं किया जा रहा है। स्कूल प्रशासन ने इसकी अनदेखी करते हुए पुरुष कर्मचारी को बच्चों की कक्षा के पास रखा था। यही कारण है कि आरोपी ने बच्ची को स्कूल में चार बार अपना शिकार बनाया, लेकिन स्कूल प्रबंधन या फिर वहां मौजूद अध्यापकों को एक बार भी इसकी जानकारी नहीं हुई। इससे साफ पता चलता है कि स्कूल प्रबंधन ने बाथरूम की ओर जाने वाले रास्ते पर सीसीटीवी नहीं लगाए हैं। अगर यह मौजूद है, तो फुटेज पर नज़र रखने के लिए वहां किसी को तैनात नहीं किया गया है। यही वजह है कि आरोपी बच्ची को आसानी से बाथरूम में लेकर चला गया।

बच्ची की बुआ भी उसी स्कूल में पढ़ती है

परिजनों ने बताया कि बच्ची की बुआ भी इसी स्कूल में पढ़ाई कर रही है, लेकिन वह बड़ी कक्षा में होने के चलते स्कूल के दूसरे हिस्से में रहती है। परिजनों ने बताया कि बच्ची और उसकी बुआ स्कूल साथ आती जाती है, लेकिन बच्ची ने न तो स्कूल और न ही स्कूल के बाहर कभी बुआ को घटना के बारे में बताया।

स्कूल में छात्रों के साथ हुई आपराधिक घटनाएं

20 सितंबर, 2018: मधु विहार इलाके में एक स्कूल के अंदर नौवीं कक्षा के छात्र से कुकर्म करने का मामला सामने आया।
10 अगस्त, 2018: गोल मार्केट इलाके में एक सरकारी स्कूल की दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली छह वर्षीय एक छात्रा के साथ स्कूल परिसर में दुष्कर्म।
06 अगस्त, 2018: विवेक विहार इलाके के एक नामी स्कूल के चौथी क्लास में पढ़ने वाले एक छात्र का स्कूल के ही तीन सीनियर छात्रों ने किया यौन शोषण।
19 जुलाई, 2018: दिल्ली के ज्योति नगर में एक सरकारी स्कूल में 17 वर्षीय छात्र को स्कूल परिसर में ही छात्रों के एक समूह द्वारा पीटे जाने से उसकी मौत हो गई।
06 अक्तूबर, 2017: मालवीय नगर में छह साल की बच्ची के साथ स्कूल कर्मी ने ही किया दुष्कर्म।

दिशानिर्देश

प्राथमिक कक्षा के शौचालय में पुरुष कर्मचारी नहीं हो सकते
नई गाइडलाइन में तय किया गया था कि सभी शौचालयों में रोशनी की व्यवस्था होगी। दरवाजों की जांच होगी। प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए शौचालय में पुरुष कर्मचारी नहीं होंगे। कक्षा दो तक के बच्चों को शौचालय ले जाने के लिए महिला केयरटेकर होनी चाहिए।

कमेटी को हर महीने सुरक्षा व्यवस्था की जांच करनी है
बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल में स्कूल सेफ्टी कमेटी बनाने का आदेश दिया था। यह कमेटी हर माह स्कूल में सुरक्षा के सभी मानकों को परखने के लिए हर माह जांच करेगी। इसमें सीसीटीवी की जांच, स्कूल में आने-जाने वालों का रिकॉर्ड शामिल हैं।

दो अध्यापकों की निगरानी में रहेंगे छात्र

स्कूल परिसर के बाहर होने वाली सभी गतिविधियों पर दो अध्यापकों की देखरेख होनी चाहिए। इस मामले में जब बच्ची कक्षा से गायब थी, तो किसी भी अध्यापक ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जो वारदात होने का सबसे बड़ा कारण बना। अगर अध्यापक नज़र रखते बच्ची को बचाया जा सकता था।

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