ब्याज दरों में कमी का पूरा लाभ ग्राहकों छह और बैंक सस्ते कर्ज की सौगात देंगे

ब्याज दरों में कमी का पूरा लाभ ग्राहकों को न देने पर आलोचना झेल रहे बैंकों ने रेपो दर आधारित सस्ती दरों पर कर्ज की सौगात पेश की है। एसबीआई बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद छह अन्य बैंकों ने अपने ग्राहकों को यह प्रस्ताव दिया है।

इंडियन बैंक भी इस फेहरिस्त में जुड़ गया है। वह 15 अगस्त से ग्राहकों के लिएआवास और वाहनों के लिए रेपो दर आधारित सस्ते कर्ज की पेशकश करेगा। बैंक का कहना है कि इससे आरबीआई की नीतिगत ब्याज दरों में कमी का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। इससे पहले यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक भी जमा और कर्ज की दरों को रेपो दर से जोड़ने की योजना का ऐलान कर चुके हैं।

एसबीआई ने एक जुलाई को सबसे पहले इसका ऐलान किया था। अगर रेपो रेट लिंक्ड प्लान बैंकों की मौजूदा लोन रेट से से 0.15 से 0.25 फीसदी सस्ता हो सकता है। पैसाबाजार की होम लोन शाखा के प्रमुख रतन चौधरी का कहना है कि रेपो दर आधारित कर्ज दरों से ग्राहकों को ब्याज दर में कटौती का जल्दी लाभ मिलेगा। जबकि एमसीएलआर व्यवस्था में कटौती का लाभ मिलने में कई महीने लग जाते हैं और पूरा लाभ भी नहीं मिलता है। हालांकि जब रेपो दर बढ़ेंगी तो ग्राहकों की कर्ज दर भी ज्यादा तेजी से बढ़ेंगी।

आर्थिक सुस्ती को देखते हुए आने वाले समय में ब्याज दर में और कमी के आसार हैं, ऐसे में आगे भी राहत मिलेगी। सिंडिकेट बैंक ने कहा है कि वह 25 लाख रुपये से ज्यादा जमा को भी रेपो दर से जोड़ेगा। बैंक ऑफ इंडिया होम लोन, ऑटो लोन के अलावा पर्सनल लोन में भी इसका लाभ देने का ऐलान किया है। यूनियन बैंक भी नियम-शर्तों को इस माह के अंत तक सामने लाएगा। इलाहाबाद बैंक ने कहा है कि बेहतर लाभ देने के लिए रेपो दर आधारित ब्याज दरों की तैयारी कर रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा पहले ही इसकी पेशकश कर चुका है। ग्राहकों के पास एमसीएलआर आधारित दर और रेपो आधारित कर्ज के बीच चयन करने का विकल्प होगा।

अभी ये व्यवस्था –

बैंकों के फ्लोटिंग रेट पर जितने लोन हैं, वे सीमांत लागत कोष की दरों (एमसीएलआर) पर आधारित होते हैं। एमसीएलआर की व्यवस्था अगस्त 2016 से बैंक अपना रहे हैं। एमसीएलआर न्यूनतम कर्ज दर सीमा है और बैंक इसमें लागत को जोड़कर होम लोन, ऑटो लोन आदि की पेशकश करते हैं। इस बार रेपो दर में आरबीआई ने 0.35 फीसदी की कटौती की है, लेकिन बैंकों ने 0.15 से 0.25% तक ही कर्ज सस्ता किया है।

एसबीआई ने की थी पहल –

एसबीआई ने सबसे पहले एक जुलाई से यह विकल्प ग्राहकों को दिया है। होम लोन चाहने वाले इसमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। एसबीआई के रेपो रेट लिंक्ड होम लोन प्लान में सालाना छह लाख रुपये की आय वाले ही दायरे में होंगे। ऋण अवधि भी 35 साल से ज्यादा नहीं होगी। अगर आपका लोन मकान की कुल कीमत के 80 प्रतिशत से ज्यादा होगा तो ब्याज दर 0.20 फीसदी और बढ़ जाएगी। एसबीआई में अगर आप रेपो रेट प्लान चुनते हैं तो फिर पूरी अवधि में इसे वापस बदल नहीं पाएंगे।

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