वॉशिंगटन: पेंटागन ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को अमेरिका की कांग्रेस को बताया कि भारत अफगानिस्तान का ‘सबसे विश्वस्त क्षेत्रीय साझीदार’ है. उसने युद्ध प्रभावित देश में भारत की आर्थिक, चिकित्सकीय और अन्य सहयोग का स्वागत किया है. पेंटागन ने ‘एनहांसिंग सिक्योरिटी एंड स्टेब्लिटी इन अफगानिस्तान’ शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘भारत अफगानिस्तान का सबसे विश्वस्त क्षेत्रीय साझीदार और क्षेत्र में विकास में सबसे अधिक योगदान करने वाला देश है.’’ कांग्रेस में पेश की गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की तरफ से की गयी मदद में अफगानिस्तान-भारत मित्रता बांध और अफगान संसद भवन शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगान अधिकारियों को भारत उल्लेखनीय रूप से प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराता है. पेंटागन ने कहा कि भारत ने सीमित सुरक्षा सहायता भी उपलब्ध कराई है.
पाकिस्तान के पूर्व शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान में आग लगा रही है, लेकिन साथ ही वह आग को बुझाने की कवायद का हिस्सा भी बनना चाहती है. अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत रहे हुसैन हक्कानी की यह टिप्पणी तब आई है जब कई अमेरिकी विशेषज्ञों ने देश के फैसले में सेना की भूमिका का जिक्र किया. हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान शीत युद्ध के दौरान सुविधा का सहयोगी था, लेकिन भारत के साथ मुकाबला करने का पाकिस्तान का मुख्य उद्देश्य कभी भी अमेरिका का उद्देश्य नहीं रहा. हक्कानी ने कहा, ‘‘इसलिए इस क्षेत्र में अमेरिका और पाकिस्तान के हित वास्तव में आपस में मेल नहीं खाते. अमेरिका इस क्षेत्र को छोड़ना चाहता है तथा वह चाहता है कि मजबूत और स्थिर अफगानिस्तान सरकार को कमान सौंपी जाए जिसे रोजाना तालिबान से चुनौती ने मिले.’’ उन्होंने कहा, ‘‘समस्या यह है कि पाकिस्तानी सेना एक तरफ तो तालिबान को पालती पोसती है और दूसरी तरफ अमेरिका को कहती है कि वह लड़ाई में उसकी मदद करेगी. वे आग लगाने वाले हैं और साथ ही वे आग बुझाने का काम भी करना चाहते हैं. यही वास्तविक जटिलता है.’’