नई दिल्ली। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पादों की बिक्री शहरों में कम हो रही है। वहीं गांवों में भी इसकी ग्रोथ एक तिहाई तक कम हो गई है. इसकी वजह प्राकृतिक उत्पादों का बाजार बढ़ना भी रहा है.एक रिसर्च फर्म के मुताबिक बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री पिछले वित्त वर्ष में शहरों में 2.7 फीसदी तक कम हो गई. वहीं ग्रामीण इलाकों में इसमें 15.7 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री में कुल 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल की ही तरह इस साल भी रूरल मार्केट में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. आपको बता दें कि एक साल पहले पतंजलि की ग्रोथ शहरों में 21.1 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 45.2 फीसदी थी.
इन चुनौतियों का करना पड़ रहा सामना
मल्टीनेशनल कंपनियों ने पतंजलि की चुनौती का सामना करने के लिए हर्बल ब्रैंड्स की शुरुआत की है क्योंकि लोगों का रुझान प्राकृतिक उत्पादों की ओर बढ़ा है. मार्केट लीडर भ्न्स् ने भी हेयरकेयर और स्किन केयर के आयुर्वेदिक ब्रैंड लॉन्च किए हैं. कोलगेट ने भी वेदशक्ति के नाम से नया टूथपेस्ट लॉन्च कर दिया है.
रुचि सोया भी खरीद चुकी है पतंजलि
योग गुरु बाबा रामदेव की अगुआई वाला पतंजलि समूह अब तक के अपने सबसे बड़े अधिग्रहण में खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया का मालिक बनने जा रहा है. राष्ट्रीय कंपनी न्यायाधिकरण (छब्स्ज्) ने रुचि सोया के लिए पतंजलि की 4,350 करोड़ रुपये की संशोधित बोली को मंजूरी दे दी है. पहले इस खरीद की दौड़ में अडानी समूह की कंपनी अडानी विलमर भी थी, लेकिन उसके बोली से हटने के बाद रुचि सोया के लिए पतंजलि एकमात्र बोलीदाता रह गई थी. कंपनी के ऊपर करीब 9,345 करोड़ रुपये का कर्ज है.