अगले 25 साल भारत के विकास-भविष्य के लिए महत्वपूर्ण, 5 प्रण का आह्वान

पीएम मोदी ने देश की 130 करोड़ की आबादी को संबोधित करते हुए कहा कि सभी भारतीय देश की विरासत-संस्कृति के प्रति एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए भेदभाव और अपने ही नागरिकों की गुलामी से आजाद कराने का संकल्प लेना होगा.

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से कहा कि भारत के विकास और भविष्य के लिए अगले 25 साल बेहद महत्वपूर्ण हैं. इसके साथ ही पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने पांच प्रण भी करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 25 साल बाद 2047 में भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ पर ही आजादी के दीवानों के सपनों को पूरा करना होगा. पीएम मोदी ने देश की 130 करोड़ की आबादी को संबोधित करते हुए कहा कि सभी भारतीय देश की विरासत-संस्कृति के प्रति एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए भेदभाव और अपने ही नागरिकों की गुलामी से आजाद कराने का संकल्प लेना होगा. यह वर्ष भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और समग्र देश इसे आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के रूप में मना रहा है. सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद वह लाल किला पहुंचे और तिरंगा (Tricolour) फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की.

पांच प्रण लेने का आह्वान
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘अगले 25 सालों के लिए हमें 5 बड़े संकल्प लेकर चलना होगा. इनमें से एक होगा, विकसित भारत.  दूसरा यह कि किसी भी कोने में गुलामी का अंश न रह जाए. अब हमें शत-प्रतिशत उन गुलामी के विचारों से पार पाना है, जिसने हमें जकड़कर रखा है. हमें गुलामी की छोटी से छोटी चीज भी नजर आती है तो हमें उससे मुक्ति पानी ही होगा. तीसरी प्रण यह है कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. यही विरासत है, जिसने कभी भारत को स्वर्णिम काल दिया था. यही विरासत है, जो नूतन को स्वीकारती रही है. चौथा प्रण यह है कि देश में एकता रहे और एकजुटता रहे. 5वां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य. इससे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं हैं.

 

प्रत्येक नारी के सम्मान पर जोर
आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम नरेंद्र मोदी ने नारी सम्मान पर बल देते हुए प्रत्येक महिला के सम्मान की भी अपील की. उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति हमारी बोलचाल में कुछ दोष आया है. हम नारी का अपमान करते हैं. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पूछा कि क्या हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं? नारी का सम्मान करना देश की प्रगति के लिए बहुत जरूरी है और हमें ऐसे शब्दों का त्याग करना चाहिए, जिससे महिलाओं का अपमान हो.

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