राहुल भट्ट की हत्या: के बाद फूटा कश्मीरी पंडितों का गुस्सा, मनोज सिन्हा बोले-दोषियों को बख्शेंगे नहीं

इस हत्या के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया है। राहुल की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने जम्मू-श्रीनगर हाई-वे और बारामूला-श्रीनगर मार्ग को जाम कर दिया। सड़क पर राहुल का शव रखकर प्रदर्शन हुए।

मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले में आतंकियों ने गुरुवार को एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी। तहसीलदार कार्यालय में काम करने वाले राहुल भट्ट को उस समय गोली मार दी गई जब वह चदूरा इलाके में अपने कार्यालय में काम कर रहे थे। राहुल तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। आतंकवादियों ने चदूरा में तहसील कार्यालय में घुसकर राहुल भट्ट को गोली मारी। कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हिंसा की इस साल की यह तीसरी घटना है।

इस घटना के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सहित देश भर में लोगों की नाराजगी एवं आक्रोश सामने आया है। कई जगहों पर इस हत्या के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया है। राहुल की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने जम्मू-श्रीनगर हाई-वे और बारामूला-श्रीनगर मार्ग को जाम कर दिया। सड़क पर राहुल का शव रखकर प्रदर्शन हुए। कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन देर रात तक चलता रहा। जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने भी बयान दिया है। मनोज सिन्हा ने कहा है कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।

कश्मीरी टाइगर समूह ने ली हत्या की जिम्मेदारी
पुलिस का कहना है कि गोली लगने के बाद राहुल को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रिपोर्टों के मुताबिक पुलिस ने बताया कि इस हमले में दो आतंकवादी शामिल थे। आतंकियों ने प्वाइंट ब्लैंक से राहुल को गोली मारी। इस हत्या की जिम्मेदारी कश्मीरी टाइगर समूह ने ली है। इस आतंकी समूह ने कहा है कि आगे भी कश्मीरी हिंदुओं का यही हश्र होगा।

कई जगहों पर हुए प्रदर्शन
राहुल (30) की हत्या के बाद कश्मीर में कश्मीरी पंडित आक्रोशित हैं। रिपोर्टों के मुताबिक इस हत्या के खिलाफ काजीगुंड, पुलवामा, बडगाम, गांदेबल एवं बारामूला में विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि कश्मीरी पंड़ितों की हत्याओं पर लगाम नहीं लगा तो वे सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे। लोगों ने सुरक्षा की मांग करते हुए नारे लगाए। वहीं, भाजपा सहित पीडीपी, एनसी ने इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों ने इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया।

बड़गाम में राहुल की पहली पोस्टिंग थी
राहुल अपनी पत्नी एवं छह साल की बच्ची के साथ बडगाम जिले में शेखपोरा गांव में सरकारी घर में रहते थे। कश्मीरी पंडितों के लिए केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजना के तहत यहां सरकारी आवास का निर्माण हुआ है। राहुल की नियुक्ति 2011 में हुई थी और बड़गाम में उनकी पहली पोस्टिंग थी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि इस जघन्य अपराध में जो लोग भी शामिल हैं उन्हें जल्द ही सजा मिलेगी।

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