अक्षर पटेल ने बताया भारत और इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम का अंतर, कहा- वहां पर वॉशरूम के गेट ही नहीं होते

अक्षर पटेल (Axar Patel) ने बताया कि इंग्लैंड में ड्रेसिंग रूम के वॉशरूम में दरवाजे नहीं होते हैं. इसके चलते वे वहां पर पांच से ज्यादा मैच नहीं खेल सकते हैं.

अक्षर पटेल (Axar Patel) भारतीय टीम के साथ जून के महीने में इंग्लैंड दौरे पर जाएंगे. इस दौरान वे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज के लिए टीम इंडिया (Team India) में चयन के लिए उपलब्ध होंगे. अक्षर पटेल ने इसी साल घरेलू सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ ही टेस्ट डेब्यू किया था. उनके पास इंग्लैंड में खेलने का अनुभव भी है. साल 2018 में वे डरहम टीम की ओर से काउंटी चैंपियनशिप में खेले. इस दौरान उनका प्रदर्शन कारगर रहा था. उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से उपयोगी योगदान दिया था. अब उनका यह अनुभव इंग्लैंड दौरे पर काम आ सकता है. डरहम के लिए खेलने के अनुभव के बारे में अक्षर ने बताया कि यह उनके लिए बेस्ट एक्सपीरियंस था. उन्होंने साथ ही वहां के ड्रेसिंग रूम से जुड़ी यादें भी साझा कीं.

अक्षर पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘वहां खेलने का अनुभव बेस्ट था. मुझे कोई पता नहीं था कि काउंटी क्रिकेट कैसे खेलते हैं या वहां का कल्चर कैसा है. भारत में हम ड्रेसिंग रूम में फोन नहीं रख सकते हैं लेकिन वहां इसकी परमिशन होता है. ड्रेसिंग रूम में प्लेयर फुटबॉल मैच देखते रहते हैं. यह अलग तरह का ही माहौल होता है. पहले कुछ दिन तो मैं बाकी खिलाड़ियों से मिक्स होने की कोशिश कर रहा था. मैं काफी शर्मीला था और किसी को नहीं जानता था. पहले मैच के बाद मैंने टीम साथियों में से बात करनी शुरू कर दी और हंसी-मजाक करने लगा. वहां पर हर मैच के बाद पीने का कल्चर है. मैं पीता नहीं हूं लेकिन म्यूजिक बजाता और डांस करता था.’

इंग्लैंड में ड्रेसिंग रूम में ले जा सकते हैं फोन

गुजरात और डरहम के ड्रेसिंग रूम में अंतर बताते हुए उन्होंने कहा, ‘संस्कृति का अंतर है. यहां हम फोन नहीं ले जा सकते लेकिन वहां फोन ले जा सकते हैं. वहां पर खिलाड़ी काम के बारे में ड्रेसिंग रूम में बात कर सकते हैं. या आईपैड पर फुटबॉल देख सकते हैं. जब उनका मैच होता है तब तो फुटबॉल की दीवानगी और भी ज्यादा होती है. ऐसी उम्मीद गुजरात में नहीं हो सकती कोच तो भगा देगा कोई प्लेयर ऐसा करेगा तो.’

अक्षर पटेल ने बताया कि इंग्लैंड में ड्रेसिंग रूम के वॉशरूम में दरवाजे नहीं होते हैं. इसके चलते वे वहां पर पांच से ज्यादा मैच नहीं खेल सकते हैं. अक्षर ने साथ ही बताया कि जब इंग्लिश प्लेयर्स को स्पिन गेंदबाजी समझ नहीं आती है तो वे स्वीप शॉट खेलने लगते हैं. उन्होंने कहा, ‘यदि वे संशय में होते हैं कि गेंद स्पिन हो रही है या नहीं वे स्वीप या रिवर्स स्वीप खेलने लगते हैं. यदि कोई स्टंप टू स्टंप गेंदबाजी करे तो उनके लिए मुश्किल हो जाती है लेकिन यदि गेंद ऑफ स्टंप या लेग स्टंप पर होती है तो वे स्वीप करते हैं. वे गेंद को मेरे हाथ से नहीं पढ़ पाते हैं. इसके बजाय वे जहां पर गेंद पिच होती है तो वहां जाते हैं.’

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