Bhagat Singh: सबसे पहले इस एक्टर ने निभाया था भगत सिंह का किरदार, 1963 में आई थी फिल्म

New Delhi:  आज हम जिस आजाद भारत देश में रहते हैं, उस देश को आजाद कराने में कई सव्तंत्रता सेनानियों के नाम है. उनहीं में से एक हैं शहीद भगत सिंह. शहीद भगत सिंह ने महज 23 साल की उम्र में अपने प्राम देश के लिए कुर्बान कर दिए थे. देश प्रेम की भावना और आजादी की विचारधारा ने उन्हें सरदार भगत सिंह से शहीद भगत सिंह बना दिया. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई सारी फिल्में हैं जो शहीद भगत सिंह की कहानी को दर्शाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, सबसे पहले भगत सिंह का किरदार कौनसे अभिनेता ने निभाया था. आज शहीद दिवस के मौके पर चलिए जानते हैं उनकी जीवनी पर बनीं पहली फिल्म के बारे में कुछ खास बातें.

आपको बता दें कि, भगत सिंह पर बनी पहली फिल्म 1 जनवरी साल 1963 में रिलीज हुई थी और फिल्म का नाम था ‘शहीद भगत सिंह’. इस फिल्म में पॉपुलर अभिनेता शम्मी कपूर ने भगत सिंह का किरदार निभाया था. इस फिल्म का डायरेक्शन केएन बंसल ने किया था. फिल्म की कास्ट में अभिनेता प्रेमनाथ, उल्हास और अचला सचदेव भी शामिल थे.

आपको बता दें कि, शहीद-ए-आजम कहे जाने वाले भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था, यह जगह प्रजेंट में पाकिस्तान में स्थित है. भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह और श्‍वान सिंह उस वक्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया करेत थे.  दोनों ही करतार सिंह सराभा द्वारा संचालित गदर पार्टी के सदस्‍य थे. साथ ही, उन्हें देखते-देखते भगत सिंह पर भी करतार सिंह सराभा का गहरा प्रभाव था. इसके बाद, 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग कांड ने उनको झकझोर दिया था. यही नहीं, बचपन भगत सिंह गांधी जी से भी बहुत प्रभावित थे. लेकिन साल 1921 में हुए चौरा-चौरा हत्‍याकांड के बाद जब गांधीजी ने अपना असहयोग आंदोलन वापस ले लिया, तो भगत सिंह उनसे नाराज हो गए और इसके बाद वह चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्‍व में गठित गदर दल के सदस्य बन गए. यहां भगत सिंह का मिलना रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर, सुखदेव, राजगुरु और बटुकेश्वर दत्त जैसे क्रांतिकारियों से हुआ.

 

इशके बाद, साल 1928 में लाहौर में साइमन कमीशन के खिलाफ जुलूस के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया, जिसमें लाला लाजपत राय की मौत हो गई. उनकी मौत ने कई लोगों का दिल तोड़ दिया, क्योंकि, पंजाब में लाला जी का खासा प्रभाव था. इन सब से प्रभावित भगत सिंह ने, शिवराम राजगुरु, सुखदेव ठाकुर और चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले जेपी सांडर्स को गोली मार दी. इसके बाद ट्रेड डिस्प्यूट कानून के खिलाफ विरोध दिखाने के लिए भगत सिंह और बाकियों ने सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में बम फेंक दिया. जिस वजह से, भगत सिंह और सुखदेव को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया और उनको फांसी की सजा दे दी गई.

भगत सिंह के जीवन पर आधारित इस फिल्म में संगीत प्रेम धवन ने बनाया था, जिसमें कई गीत स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखे गए थे.

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