क्या बिस्तर पर बैठकर खाना खाने से वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं?

बिस्तर पर बैठकर खाना क्यों नहीं खाना चाहिए? पुराने समय में घरों में जब भोजन बनता था तो रसोई में या रसोई के बाहर जमीन पर चटाई बिछा कर लोगों को गर्म-गर्म भोजन परोसा जाता था मगर आज की आधूनिक जीवनशैली में जमीन पर बैठ कर खाना खाने को बैठ हैबिट में शामिल कर लिया गया है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री जी इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में(आजकल) तो लोगों के घरों में आलीशान डाइनिंग टेबल होती हैं, मगर दुर्भाग्‍य की बात तो यह है कि…

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अहोई अष्टमी आज,संतान की लंबी उम्र के लिए इस शुभ मुहूर्त और विधि से करें पूजा

अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत संतान की अच्छी सेहत और उसकी लंबी उम्र की कामना करते हुए हर मां अपने बच्चे के लिए रखती है। इस साल यह व्रत 21 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है। इस व्रत में माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने वाली महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके इस व्रत का संकल्प लेती हैं। इसके बाद पूरा दिन व्रत रखने के बाद शाम को सूर्यास्त के बाद माता…

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हिंदू धर्म में उपवास के दौरान लहसुन और प्याज खाने से मना क्यों किया जाता है

व्रत में प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाते हैं इसके पीछे का कारण जानने से पहले आपको यह जानना होगा कि हमारे खाने की चीजों को कितने भागों में बांटा गया है। आयुर्वेद में खाद्य पदार्थों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है सात्विक, राजसिक और तामसिक। मानसिक स्थितियों के आधार पर इन्हें हम ऐसे बांट सकते हैं… सात्विक: मन की शांति, संयम और पवित्रता जैसे गुण राजसिक: जुनून और खुशी जैसे गुण तामसि ये सब कारण हैं लहसुन और प्याज ना खाने के पीछे अहिंसा: प्याज और लहसुन तथा…

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मालाओं में 108 दाने होते है-हिन्दू धर्म में 108 का क्या रहस्य है?

भारत में जीवन के सभी रहस्यों को प्रतीकों में गूँथा गया है। प्रत्येक प्रतीक अपने आप में अनूठा है । इन्हीं प्रतीकों की श्रंखला में 108 सबसे महत्वपूर्ण है। 108 को सर्वाधिक महत्वपूर्ण पवित्र संख्या माना गया है। इसके पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण है ।उन कारणों में से एक महत्वपूर्ण कारण गणित को हिन्दू धर्म में दिया गया महत्व हैं . गणित केवल मापन या संख्या का ही नहीं अभिव्यक्ति का भी एक माध्यम है उदाहरण के लिए बायनरी लैंग्वेज । सृष्टि या सृजन की अपनी भाषा गणित…

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नेपाल से चले नगर कीर्तन का कल शाम को 5 बजे गुरुद्वारा गुरु का ताल पर आगमन

नेपाल से चले नगर कीर्तन का कल शाम को 5 बजे गुरुद्वारा गुरु का ताल पर आगमन आगरा।550 साला प्रकाश पर्व पर विभिन्न हिस्सो से निकाले जा रहे नगर कीर्तन की श्रंखला में काठमांडू( नेपाल) से निकला जा रहा है नगर कीर्तन का कल शाम 5 बजे लखनऊ से एक्सप्रेस वे होकर आगरा में आगमन होगा।रात्रि पड़ाव गुरुद्वारा गुरु के ताल पर होगा।जहा से दिल्ली होकर सुल्तान पुर लोदी (पंजाब) की ओर रवाना होंगे। उल्लेखित है 550 साला प्रकाश पर्व पर सबसे बड़ा आयोजन यही होगा।जहा पर करीब 2 करोड़…

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देश का सबसे बड़ा सर्वे: बलात्कारी होता पुरुष-बच्चा-बूढ़ा व् मर्द कहलाने वाला इंसान

आज आप को यह आँखे खोलने वाला लेख पड़ना ही पड़ेगा बलात्कार पुरुष और हमारा उज्ज्वल समाज की अगली दास्तान #किसीकोभीबलात्कारकेलिएबताएगीतोतेरीबदनामीहोगी… दसवीं में पढ़ने वाले चार लड़के अपनी ही क्लास की एक लड़की का बारी-बारी से बलात्कार करते हैं। बाद में उसे ऊपर लिखी लाइन कह कर वहाँ से चले जाते हैं। यह गैंगरेप एक बोर्डिंग स्कूल की कैंपस में होता है । लड़की बदनामी की डर से गैंगरेप वाली बात किसी को भी नहीं बताती। पिरीयड मिस होने के बाद उसे लगता है कि कहीं वो प्रैगनेंट तो नहीं,…

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हर साल 17 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं विश्‍वकर्मा पूजा, जानिए पूजा विधि और महत्‍व

हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। उन्हें दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर भी कहा जाता है। अपनी शिल्‍प कला के लिए मशहूर भगवान विश्‍वकर्मा सभी देवताओं में आदरणीय हैं। हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। उन्हें दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर भी कहा जाता है। अपनी शिल्‍प कला के लिए मशहूर भगवान विश्‍वकर्मा सभी देवताओं में आदरणीय हैं। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार विश्‍वकर्मा सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के सातवें धर्म पुत्र हैं। वास्तुकला के…

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नई दिल्ली: 13 सितंबर से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, जानें इसका महत्व

नई दिल्ली: 13 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं. हिंदू धर्म में माता-पिता को ईश्वर तुल्य माना गया है, मृत्यु के बाद माता-पिता के उद्धार के लिए श्राद्ध किया जाता है. श्राद्ध करने के लिए भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक का समय निर्धारित किया गया है. इन 16 दिनों को ही पितृ पक्ष कहा जाता है. इन दिनों में हिंदू धर्म के अनुयायी अपने पूर्वजों को भोजन और जल अर्पित करते हैं. अपने पूर्वज पितरों के प्रति श्रद्धा भावना रखते हुए पितृ पक्ष एवं श्राद्ध कर्म…

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कामिका एकादशी: पितरों के कष्ट भी हो जाते हैं दूर-बिगड़े कार्य बनाता है यह व्रत

भगवान कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को एकादशी का धार्मिक महत्व बताते हुए कहा था कि जिस तरह नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़, देवताओं में श्री विष्णु, वृक्षों में पीपल तथा मनुष्यों में ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार सम्पूर्ण व्रतों में एकादशी श्रेष्ठ है. श्रावण मास में आने वाली कृष्ण पक्ष एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। कामिका एकादशी को भगवान विष्णु का उत्तम व्रत माना जाता है। सावन माह में आने के कारण इस एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के साथ…

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सावन सोमवार व्रत करते समय इन नियमों का करें पालन

सावन में भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। सावन के पहले सोमवार से ही कई लोग व्रत की शुरुआत करते हैं। भोलेनाथ की पूजा और आराधना करने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है। यह महीना शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। सावन में शिवलिंग की पूजा को महत्वपूर्ण बताया गया है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ-साथ बेल पत्र भी चढ़ाया जाता है। इस साल सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है। इस दिन भगवान शिव की विधि पूर्वक…

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