अमेरिकी रिपोर्ट में खुली चीन की पोल, साइबर अटैक पर हुआ बेनकाब

गलवान में मिली करारी मात के बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. वो बातचीत की आड़ में पीठ में छुरा घोंपने की चालें चलता रहा. आमने सामने की झड़प में कभी न भूलने वाला सबक मिलने के बाद चीन, हिंदुस्तान पर छुपकर वार करने लगा.

नई दिल्ली: हिंदुस्तान के खिलाफ चालबाज चीन की सबसे बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. अमेरिकी संसद में पेश रिपोर्ट से पूरी दुनिया में विश्वासघाती ड्रैगन बेनकाब हो गया है. जिसमें बताया गया है कि गलवान में करारी शिकस्त के बाद चीन ने भारत पर कई साइबर हमले किए थे. रिपोर्ट के मुताबिक डोकलाम से लेकर गलवान तक, एलएसी पर भारत के खिलाफ चीन की साजिश नाकाम हो गई और हिंदुस्तान की ताकत से डरी चीनी सेना को दोनों ही जगह पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा. जिससे हिंदुस्तान की सरहद पर गिद्ध जैसी नजर गड़ाए चीन को अपमान का घूंट पीकर वापस जाना पड़ा. गलवान में हिंदुस्तान के शूरवीरों से आमने सामने की लड़ाई में चीनी सैनिक टिक नहीं सके. यहां विश्वासघात कर हमला करने वाले चीनी सैनिक हिंदुस्तान के रणवीरों के प्रतिशोध की आग से दुम दबाकर भाग निकले.

गलवान में मिली करारी मात के बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. वो बातचीत की आड़ में पीठ में छुरा घोंपने की चालें चलता रहा. आमने सामने की झड़प में कभी न भूलने वाला सबक मिलने के बाद चीन, हिंदुस्तान पर छुपकर वार करने लगा. अमेरिका चीन इकॉनॉमिक एंड सिक्युरिटी रिव्यू कमीशन यानी USCC ने अमेरिकी संसद के सामने पेश की गई रिपोर्ट में ऐसे कई चौंकाने वाले खुलासे किए है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गलवान घाटी में मुंह की खाने के बाद बौखलाए चीन ने भारत पर सीरियल साइबर अटैक किया. रिपोर्ट में लिखा गया है कि ” 2020 में सीमा विवाद के तुरंद बाद और इसके 2021 तक जारी रहने के दौरान पीएलए के हैकर्स और चीनी सरकार की सरपरस्ती में काम करने वाले संगठनों ने हिंदुस्तान में अपने टारगेट पर साइबर हमले तेज कर दिए”.

बताया जा रहा है चीन की तरफ से डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस यानि डीडीओएस के हमलों को बढ़ाया गया. डीडीओएस हमलों में अक्सर बड़े कंप्यूटरों को निशाना बनाया जाता है. अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साइबर अटैक के दौरान हैकर्स ने उसी तकनीक और संसाधनों का इस्तेमाल किया, जिसकी मदद से चीनी सेना की यूनिट 61398 अपने मंसूबों को अंजाम देती है. साथ ही चेंगदू में मौजूद हैकर्स की फौज का भी इस्तेमाल किया गया, जिसे चीन में सरकारी संरक्षण हासिल है. ये चीन की सरकार के इशारे पर साइबर अटैक को अंजाम देते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ”2020 में चीनी हैकर्स ने साइबर अटैक के दौरान 10 पावर ग्रिड और 2 पोर्ट को निशाना बनाया. 2021 के शुरुआती 6 महीने में चीनी सेना से जुड़े हैकर्स की फौज ने रक्षा कंपनियों पर फोकस बढ़ाया. इस दौरान एयरोस्पेस कंपनी, डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर्स और टेलीकम्युनेकेशन प्रोवाइडर्स को टारगेट किया.

इस अमेरिकी रिपोर्ट में मुंबई में पावर सप्लाई सिस्टम के ठप होने के पीछे भी चीन का हाथ बताया गया है. इसमें ये भी दावा किया गया है कि चीन को गलवान में अपनी साजिश के नाकाम होने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन हिंद के शूरवीरों की जवाबी कार्रवाई में बड़ी तादाद में अपने सैनिकों की मौत ने उसकी ताकत का दंभ चूर चूर कर दिया. उसी बौखलाहट में उसने साइबर अटैक को अंजाम देना शुरु किया. लेकिन इस रिपोर्ट ने उसे पूरी दुनिया में बेनकाब कर दिया है.

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