दिल्ली: ऑर्ड ईवन का दूसरा दिन: दिल्ली में आज चलेंगी इस नंबर की कारें

दिल्ली में भयावह स्तर पर बढ़े प्रदूषण के बीच सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में ‘ऑर्ड-ईवन’ योजना लागू की गई और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में तीसरी बार लागू की गई इस योजना का पहला दिन ”सफल रहा और सड़कों पर 15 लाख कारें कम नजर आईं। इस योजना के पहले दिन भाजपा नेता विजय गोयल समेत करीब 200 लोगों के चालान काटे गए। गोयल ने विषम नंबर वाली एसयूवी चलाते हुए सोमवार को सम-विषम नियमों का उल्लंघन किया और इस योजना को केजरीवाल सरकार का ”चुनावी हथकंडा बताया।

ऐसे लागू होगा नियम
दिल्ली में सम-विषम योजना सुबह आठ से शाम आठ बजे तक लागू रहेगी। रविवार को यह नियम लागू नहीं होगा। वाहन के आखिरी नंबर से तय होगा कि वह सड़क पर आ सकता है या नहीं। यदि गाड़ी का आखिरी नंबर 1, 3, 5, 7, 9 है तो यह 5, 7, 9, 11, 13, 15 नवंबर को सड़क पर चल सकती है। जबकि 2, 4, 6, 8 नंबर वाले वाहन 4, 6, 8, 10, 12 और 14 नवंबर को सड़कों पर चल सकेंगे।

उन्होंने सम-विषय योजना के खिलाफ इसे ‘प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन बताया। भाजपा ने कहा कि आप इस योजना के जरिए लोगों को परेशान कर रही है। सम-विषम परिवहन व्यवस्था को लागू कराने के लिए 2000 असैन्य सुरक्षा स्वयंसेवकों, दिल्ली यातायात पुलिस, राजस्व एवं परिवहन विभागों की 465 टीमों को सोमवार को तैनात किया गया। इस दौरान 650 निजी बसों समेत 6000 बसों को सेवा में लगाया गया ताकि यात्रियों को परेशानी नहीं हो।

सम-विषम योजना के चलते सड़कों पर गाड़ियों की संख्या अपेक्षाकृत कम नजर आई। सोमवार को सिर्फ सम संख्या वाली गाड़ियां ही चलीं। कई लोगों ने कहा कि वे अपने गंतव्यों पर समय से पूर्व पहुंचे। विषम संख्या वाले वाहन रखने वाले लोगों ने यात्रा के लिए कारपूलिंग, कैब, ऑटो और सार्वजनिक परिवहन का सहारा लिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अनुरोध किया कि वह अपने परिवार और बच्चों की खातिर इस योजना का पालन करें।

केजरीवाल ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन और श्रम मंत्री गोपाल राय के साथ कार पूल की और दिल्ली सचिवालय पहुंचे। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत अपने ओएसडी की कार से सचिवालय पहुंचे जबकि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपने घर से साइकिल चलाकर दफ्तर आए। केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय के लिए रवाना होते हुए संवाददाताओं से कहा कि वाहनों से उत्सर्जन कम करने के लिए यह योजना लागू की गई है। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली की सड़कों पर कुल 30 लाख में से केवल 15 लाख कारें चलेंगी। मुझे दिल्ली में विभिन्न स्थानों से रिपोर्ट मिली है और योजना के तहत नियमों का शत-प्रतिशत पालन किया जा रहा है।’

उन्होंने बाद में ट्वीट किया कि इस योजना और अन्य कारणों से रविवार की तुलना में वायु गुणवत्ता काफी बेहतर रही। सिसोदिया और गहलोत ने एक संवाददाता सम्मलेन में कहा कि योजना का पालन किया गया और पहले दिन यह सफल रही। सिसोदिया ने कहा कि सम-विषम योजना लागू होने के पहले दिन सोमवार को नियम के उल्लंघनों को लेकर कुल 192 चालान काटे गये। यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, ‘मैं करीब दो घंटे तक दिल्ली की सड़कों पर रहा और मैं खुश हूं कि योजना का अनुपालन किया जा रहा है। अधिकतर वाहन सम संख्या वाले थे। मैं सभी दिल्ली वालों का, सहयोग के लिये शुक्रिया अदा करता हूं।’ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 416 रहा जो अब भी ‘गंभीर श्रेणी’ में है। एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।

इस बीच, दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए शहर की केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। वह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर तनिक भी प्रयत्न नहीं कर रही है, उल्टे पराली जलाने का बहाना बनाकर अपने ऊपर लगने वाले आरोपों से बचने का प्रयास कर रही है। उन्होंने ‘सम-विषम योजना को दिल्लीवासियों के जी का जंजाल बताते हुए कहा, ”यह तभी सफल और संभव होगा जब शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था दुरुस्त हो। इस प्रकार तो यह कमी को छिपाने की कोशिश भर है।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने भी सम-विषम योजना को केजरीवाल सरकार का ”नाटक बताया। राज्यसभा सदस्य गोयल सम-विषम योजना का विरोध करने के लिए सम दिन पर विषम नंबर की गाड़ी लेकर दिल्ली की सड़क पर निकल गए। भाजपा उपाध्यक्ष श्याम जाजू और पार्टी के अन्य नेता भी उस एसयूवी में सवार थे जिसे गोयल अशोक रोड पर अपने आवास से लेकर निकले थे। यातायात पुलिस कर्मियों ने जनपथ के पास उनकी गाड़ी को रोक दिया और चालान काटा। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, ”भाजपा सांसद विजय गोयल से लेकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने प्रदूषण कम करने के दिल्ली सरकार के प्रयासों का पूरी तरह से विरोध किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कूड़ा जलाने की तस्वीरें साझा कर लोगों को गुमराह किया।

दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने भी गोयल के इस कदम की आलोचना की। गोयल ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ”मैं केजरीवाल सरकार की नाकामी के खिलाफ ऐसा कर रहा हूं क्योंकि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली में पांच साल में कुछ नहीं हुआ। अब वह आगामी विधानसभा चुनाव के कारण सम-विषम योजना के जरिए नौटंकी कर रही है। इस योजना के तहत जिन श्रेणियों के वाहनों को छूट प्राप्त है उन्हें छोड़कर आज सिर्फ वही चार पहिया गाड़ियां सड़कों पर चलेंगी जिनकी पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक सम है।

केजरीवाल ने सुबह एक ट्वीट कर कहा, “नमस्ते दिल्ली ! प्रदूषण कम करने के लिए आज से सम-विषम शुरु हो रहा है। अपने लिए, अपने बच्चों की सेहत के लिए और अपने परिवार की सांसों के लिए सम-विषम का ज़रूर पालन करें। कार शेयर करें। इस से दोस्ती बढ़ेगी, रिश्ते बनेंगे, पेट्रोल बचेगा और प्रदूषण भी कम होगा।” उन्होंने ऑटो और टैक्सी चालकों से भी अपील की कि वे यात्रियों से ज्यादा किराया न वसूलें । मुख्यमंत्री ने उनसे योजना में भागीदारी का अनुरोध किया। सम-विषम नियम के उल्लंघन पर 4000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। दिल्ली यातायात पुलिस, परिवहन व राजस्व विभाग की 600 टीमों को शहर में योजना के सख्ती से अनुपालन के लिये तैनात किया गया है।

गुड़गांव में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले सीनियर क्रिएटिव डिजाइनर रोहित राय (27) ने कहा कि उन्हें मेट्रो से अपने दफ्तर जाना पड़ा क्योंकि उनकी गाड़ी का आखिरी अंक विषम संख्या है। उन्होंने कहा, “क्योंकि मैं गाजियाबाद में रहता हूं, मेरे लिये कार से दफ्तर जाना ज्यादा आसान है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण की वजह से यह हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम इस शहर को स्वच्छ बनाएं।”

क्या है नियम
दो पहिया और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को इस योजना में छूट दी गई है लेकिन इस बार सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों के लिये ये छूट नहीं है। जिन गाड़ियों में सिर्फ महिलाएं और उनके साथ 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चे होंगे, उन्हें भी छूट होगी। दिव्यांगजन के वाहनों को भी सम-विषम में छूट है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, आपातकालीन, प्रवर्तन सेवाओं के वाहनों समेत 29 श्रेणियों के वाहनों को इससे छूट दी गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वाहनों को हालांकि इससे छूट नहीं दी गई है।

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