धोनी और केएल राहुल-चीनी कंपनियों से नाता तोड़े आईपीएल

नयी दिल्ली : पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्से के बीच भारत सरकार ने सोमवार को 59 चाइनीज एप को बैन कर दिया. सरकार के इस फैसले की देश भर में तारीफ हो रही है. इसी बीच महेंद्र सिंह धौनी और केएल राहुल की आईपीएल टीम ने चाइनीज प्रायोजकों को बैन करने की मांग की है. धौनी की टीम चेन्नई ने जहां यह फैसला सरकार पर छोड़ दिया है. वहीं, के एल राहुल की किंग्स इलेवन पंजाब ने इंडियन प्रीमियर लीग से चाइनीज प्रायोजकों को हटाने की मांग कर दी है

किंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक नेस वाडिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चीन की कंपनियों के प्रायोजन को धीरे-धीरे खत्म करने की मांग की है. वाडिया ने कहा, ‘हमें देश की खातिर ऐसा (आईपीएल में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ना) करना चाहिए। देश पहले है, पैसा बाद में आता है और यह इंडियन प्रीमियर लीग है, चीन प्रीमियर लीग नहीं. इसे उदाहरण पेश करना चाहिए और रास्ता दिखाना चाहिए.’

यहां बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून को 20 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मांग लगातार जोर पकड़ रही है. चीन ने हालांकि अब तक अपने सैनिकों के मारे जाने की जानकारी साझा करने से इनकार किया है. इस घटना के बाद बीसीसीआई को चीन की कंपनियों द्वारा प्रायोजन की समीक्षा के लिए आईपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलानी पड़ी लेकिन यह बैठक अब तक नहीं हो पाई है.

वाडिया ने कहा, ‘हां, शुरुआत में प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होगा लेकिन मुझे लगता है कि पर्याप्त भारतीय प्रायोजक मौजूद हैं जो उनकी जगह ले सकते हैं. हमें देश और सरकार का सम्मान करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण सैनिकों को जो हमारे लिए अपना जीवन जोखिम में डालते हैं.’ चीन की मोबाइल फोन कंपनी वीवो आईपीएल की टाइटिल प्रायोजक है और 2022 तक चलने वाले करार के तहत वह प्रत्येक साल भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को 440 करोड़ रुपये देती है.

आईपीएल से जुड़ी कंपनियों पेटीएम, स्विगी और ड्रीम इलेवन में भी चीन की कंपनियों का निवेश है. सिर्फ आईपीएल नहीं बल्कि टीमों को भी चीन की कंपनियां प्रायोजित करती हैं. वाडिया ने अपना रुख साफ कर दिया है लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स सहित अन्य टीमों ने कहा कि वे सरकार के फैसले को मानेंगी. सीएसके के एक सूत्र ने कहा, ‘शुरुआत में उनकी जगह लेना मुश्किल होगा लेकिन अगर देश के खातिर ऐसा किया जाता है तो हमें ऐसा करना चाहिए.’

एक अन्य टीम के मालिक ने कहा, ‘सरकार को फैसला करने दीजिए, वे जो भी फैसला करेंगे हम उसे मानेंगे.’ वाडिया ने कहा कि इस विवादास्पद मामले में सरकार के निर्देशों का इंतजार करना सही नहीं है क्योंकि ‘इस समय देश के साथ खड़े रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर मैं बीसीसीआई अध्यक्ष होता तो मैं कहता कि आगामी सत्र के लिए मुझे भारतीय प्रायोजक चाहिए.’

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