चारा घोटाला: लालू प्रसाद यादव दिवाली और छठ जेल में ही मनाएंगे

लालू प्रसाद की दिवाली और छठ इस बार भी जेल में ही बितेगी।  चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत के लिए उन्हें अब 27 नवंबर का इंतजार करना होगा।  झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने के लिए सीबीआई ने अदालत से समय की मांग की।  

सीबीआई की ओर से बताया गया कि लालू प्रसाद के दावों पर वह जवाब दाखिल करेगी। इसके लिए उसे समय चाहिए। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सीबीआई को 24 नंबर तक का समय दिया और सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित कर दी। इस दिन यदि लालू प्रसाद को जमानत मिलती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे।

जमानत याचिका में लालू प्रसाद की ओर से कहा गया है कि  दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आधी सजा वह पूरी कर चुके हैं। इस मामले में वह पटना में भी जेल में रहे है। पटना में उन्होंने 10 महीने  जेल में बिताया है।  रांची में 10 दिसंबर 2017 से वह  जेल में है।  अब तक उन्होंने 42 महीने से अधिक सजा काट ली है।   सजायाफ्ता  लालू प्रसाद को अब तक चाईबासा कोषागार से अवैध निकसी के  दो और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के एक  मामले  मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिली चुकी है। अब सिर्फ दुमका  मामले में जमानत मिलनी बाकी है। अगर इस मामले में उन्हें जमानत की सुविधा मिलती है, तो वे जेल से रिहा हो जाएंगे। लालू प्रसाद पर कुल पांच मामले झारखंड में चल रहे हैं, जिसमें से उन्हें चाईबासा के दो, देवघर व दुमका के एक-एक मामले में सजा मिली है। वहीं, डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में अभी निचली अदालत में सुनवाई चल रही है।

रिपोर्ट नहीं दिए जाने पर झारखंड हाईकोर्ट नाराज :

चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद के रिम्स में इलाज के दौरान पिछले तीन माह में उनसे मिलने वाले लोगों की सूची और जेल मैनुअल के पालन पर रिपोर्ट नहीं दिए जाने पर झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। जस्टिस अपरेश कुमारसिंह की अदालत ने राज्य के कारा महानिरीक्षक और बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक को शो कॉज करते हुए यह बताने को कहा है कि अदालत के आदेश के बाद भी यह जानकारी क्यों नहीं दी गयी।जबकि अदालत के आदेश की कॉपी उन्हें समय पर उपलब्ध करा दी गयी है। 27 नवंबर को दोनों अधिकारियों को शो कॉज का जवाब देने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।
पूर्व में सुनवाई करते हुए अदालत ने रिम्स से लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही  कारा महानिरीक्षक और जेल आइजी से लालू के मुलाकातियों की सूची देने को कहा गया था। यह भी बताने को कहा गया था कि जेल मैनुअल के नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। रिम्स की ओर से मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध करा दी गयी, लेकिन जेल आइजी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी।

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