उत्तर भारत में: भारी बर्फबारी और बारिश से बढ़ेगी ठंड, हिमाचल प्रदेश में हिमपात का यलो अलर्ट जारी

उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी है। इसी बीच मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में भारी हिमपात का यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों चंबा, स्पीति, कुल्लू और राजधानी शिमला में भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की है।

उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी है। इसी बीच मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में भारी हिमपात का यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों चंबा, स्पीति, कुल्लू और राजधानी शिमला में भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने चेताया है कि आगामी 48 अत्यधिक ठंड और भारी हिमपात हो सकता है।

हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग-आईएमडी प्रमुख सुरेंद्र पॉल ने बताया कि चंबा, स्पीति, कुल्लू, शिमला समेत हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। पिछले वर्षों की तुलना में बर्फबारी की अवधि लंबी थी। आने वाले 48 घंटे भारी बर्फबारी के साथ कड़ाके की ठंड पड़ेगी। वहीं 48 घंटे के लिए उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फ़बारी का अलर्ट जारी किया गया है। खासकर, गढ़वाल और कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में भारी से लेकर बहुत अधिक भारी बारिश की आशंका जताई है।

2500 मीटर या अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बारिश और भारी बर्फबारी

पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के चलते देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी जैसे जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने के भी आसार हैं। भारी बारिश और बर्फ़बारी की आशंकाओं को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक मौसम के बदले मिजाज के चलते राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में 2500 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बारिश के साथ भारी बर्फबारी की आशंका है। वहीं दिल्ली—एनसीआर के कई इलाकों में सुबह से तेज हवा के साथ हल्की बारिश का दौर जारी है।

गौरतलब है कि आईएमडी ने सोमवार को अपने पूर्वानुमान में कहा था कि देश के अधिकांश हिस्सों में फरवरी में सामान्य से कम तापमान का अनुभव होगा, जबकि पंजाब और हरियाणा में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने फरवरी के लिए अपने दृष्टिकोण में कहा, “प्रायद्वीपीय भारत के पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी तटीय क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।” बयान में कहा गया  कि कमजोर ला नीना की स्थिति इस समय भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में व्याप्त है। ला नीना मौसम की घटना कठोर सर्दियों की स्थिति से जुड़ी है।

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