भारत ने चीन: भारत ने बढ़ाई जवानों की तैनाती-3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा

भारत ने चीन से लगी 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपनी ताकत बढ़ाने का फैसला किया है. यह फैसला ऐसे में लिया गया है जब चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर लगातार सैन्य निर्माण कर सैनिकों की तैनाती को बढ़ा रहा है.

नई दिल्ली:  भारत ने चीन से लगी 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपनी ताकत बढ़ाने का फैसला किया है. यह फैसला ऐसे में लिया गया है जब चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर लगातार सैन्य निर्माण कर सैनिकों की तैनाती को बढ़ा रहा है. सिर्फ भारतीय सेना ही नहीं बल्कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने भी अपनी चौकियों पर जरूरी सामान और जवानों की तैनाती को बढ़ा दिया है. सेना की मदद के लिए आईटीबीपी की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती का फैसला शनिवार को लिया गया जब जनरल सैन्य ऑपरेशन के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह और आईटीबीपी प्रमुख एससए देसवाल ने लेह का दौरा किया.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ” गलवान घाटी में झड़प की घटना से पहले हमने कुछ सैनिक लद्दाख भेजे थे अब हम जवानों की संख्या बढ़ा रहे हैं.” उनके मुताबिक यह फैसला सेना की पैट्रोलिंग में मदद के लिए लिया गया है. इसलिए प्लाटून की जगह कंपनी को भेजा गया है. प्लाटून में 30 जवान होते हैं जबिक कंपनी में 100 जवान होते हैं.  राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद तक पहुंची रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को हुई बातचीत के बावजूद गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और पैंगॉन्ग झील में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है. भारत चाहता है कि 30 अप्रैल को जो स्थिति थी उसकी बहाली हो. मोल्डो में हुई बातचीत के मुताबिक दोनों पक्षों ने अपना मत रखा. सूत्रों की मानें तो दोनों पक्ष चाहते हैं कि गलवान और गोगरा में पैट्रोल पॉइंट 14,15 और 17 पर सैनिकों की संख्या कम की जाए.

सूत्रों की मानें तो पैट्रोलिंग पॉइंट 14 (गलवान),पैट्रोलिंग  पॉइंट15 (कोंग्का ला) और पैट्रोलिंग  पॉइंट 17 (हॉट स्प्रिंग) को लेकर बातचीत में कई हफ्ते लग सकते हैं .  NDTV पर दिखाई गई सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक चीन ने पैट्रोल पॉइंट 14 यानी गलवान के पास नया निर्माण किया है. पैट्रोल पॉइंट 15 के पास भी चीन ने बड़े टैंट लगाए हैं और महीने भर से यहां तैनात हैं. पॉइंट 17 पर भी दोनों पक्षों की तरफ से बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए गए हैं. पैंगॉन्ग झील के पास चीनी सैनिक फिंगर 4 तक आ गए हैं और उनके पास 120 वाहन और दर्जनों नाव हैं.

वहीं, भारत ने चीन पर एकतरफा रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा को प्रभावित करने का आरोप लगाया है.  एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़े पैमाने पर निर्माण किया है, इसलिए अब हम अपनी ताकत को बढ़ा रहे हैं.” उनके अनुसार, भारत चीन से सैन्य और कूटनीतिक दोनों रास्तों से बातचीत कर रहा है लेकिन जमीन पर भारतीय सेना अपनी तैयारी पूरी कर रही है.  उन्होंने कहा, “डोकलाम में 73 दिन लगे. इसमें थोड़ा समय भी लग सकता है और इसीलिए वहां ज्यादा सैनिक भेजे जा रहे हैं. ”

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