काबुल:कंधार में तालिबान संग LeT के आतंकी, भारत ने कांसुलेट बंद कर बुलाए कर्मी

तालिबान (Taliban) के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए भारत (India) ने कंधार से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को भारतीय वायु सेना के विमान से निकाल लिया है.

काबुल: इस बात की आशंका पहले से जताई जा रही थी कि अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान सिर उठाएगा. अब यह सच हो रहा कि पाकिस्तान (Pakistan) पोषित आतंकियों की शह और मदद के बल पर तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान के दक्षिणी शहर के आसपास के 85 फीसदी प्रमुख इलाकों पर कब्जा कर लिया है. तालिबान (Taliban) के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए भारत (India) ने कंधार से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को भारतीय वायु सेना के विमान से निकाल लिया है. भारत ने कहा है कि काबुल, कंधार और मजार-ए-शरीफ शहरों में वाणिज्य दूतावासों में अपने मिशन को बंद करने की कोई योजना नहीं थी.

7 हजार से अधिर लश्कर आतंकी मौजूद
जानकारी के मुताबिक भारत अफगानिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रखे है. अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसारभारत-तिब्बत सीमा पुलिस के राजनयिकों, सहायक कर्मचारियों और गार्डों को नई दिल्ली लाए जाने के बाद कंधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक कंधार और हेलमंद के दक्षिणी प्रांतों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जिसके चलते राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को बाहर निकाला गया. अफगान सुरक्षा एजेंसियों के हालिया अनुमान के अनुसार 7,000 से अधिक लश्कर-ए-तैयबा के लड़ाके दक्षिणी अफगानिस्तान में तालिबान के साथ लड़ रहे हैं.

अफगानिस्तान में कई प्रांतों में स्थिति खतरनाक
गौरतलब है कि अफगानिस्तान के कई हिस्सों में हिंसा में बढ़ोतरी के मद्देनजर भारतीय दूतावास ने पिछले सप्ताह मंगलवार को एक परामर्श जारी करके देश में रह रहे और वहां काम कर रहे सभी भारतीयों को गैर जरूरी यात्राओं से बचने को कहा था. दूतावास ने कहा था कि अफगानिस्तान में कई प्रांतों में सुरक्षा की स्थिति ‘खतरनाक’ बनी हुई है और आतंकवादी गुटों ने हिंसक गतिविधियां बढ़ा दी हैं तथा आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमले की घटनाएं हो रही हैं. दूतावास की ओर से कहा गया कि भारतीय नागरिकों को अगवा किये जाने का खतरा है. गौरतलब है कि  अफगानिस्तान में पिछले कुछ सप्ताहों में हिंसा एवं हमलों की अनेक घटनाएं सामने आई है. ये घटनाएं ऐसे समय घटी हैं जब अमेरिका 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है जिससे इस युद्धग्रस्त देश में दो दशकों से जारी अमेरिकी सैन्य उपस्थिति समाप्त हो जायेगी.

 

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