‘पंजाब की सियासत में नया दिन’, BSP संग SAD के गठबंधन पर बोले सुखबीर बादल

सुखबीर बादल ने बसपा सुप्रीमो मायावती का गठबंधन के लिए धन्यवाद किया. सुखबीर बादल ने कहा कि दोनों पार्टियों की सोच एक समान है.

अकाली दल और BSP के बीच विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर गठबंधन का ऐलान हो गया है. दोनों पार्टियां अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल और बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा की उपस्थिति में गठबंधन का ऐलान किया गया. दोनों पार्टियों के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता इस मौके पर मौजूद रहे.

सुखबीर बादल ने गठबंधन का ऐलान करते हुए इसे ‘‘पंजाब की राजनीति में नया दिन बताया.’’ बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा की उपस्थिति में उन्होंने कहा, ‘‘आज ऐतिहासिक दिन है…पंजाब की राजनीति की बड़ी घटना है. सुखबीर बादल ने बसपा सुप्रीमो मायावती का गठबंधन के लिए धन्यवाद किया. सुखबीर बादल बोले कि दोनों पार्टियों की सोच एक समान है. दोनो पार्टियां गरीबों, किसानों और मजदूरों के हक के लिए लड़ती रही हैं. बहुजन समाज पार्टी पंजाब में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं बाकी सीटों पर अकाली दल मैदान में होगी.

सुखबीर बादल ने गठबंधन के बाद ट्विटर पर लिखा 100 साल पुरानेअकाली दल जो हमेशा किसानों, व्यापारियों और गरीब तबके के हितों के लिए काम करती है ने मिट्टी के पंजाबी सपूत कांशी राम जी की पार्टी BSP और उनकी योग्य उत्तराधिकारी बहन मायावती के साथ गठबंधन किया है.

दोनों पार्टियों की सोच एक जैसी

इस मौके पर बीएसपी के सतीश मिश्रा ने कहा कि दलित उत्थान को लेकर और केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर भी दोनों पार्टियों की सोच एक जैसी है. हरसिमरत कौर बादल ने जहां केंद्रीय मंत्री पद से किसानों के हक में इस्तीफा दिया तो वहीं पॉर्लियामेंट में बहुजन समाज पार्टी ने भी केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई. अब दोनों ही पार्टियां इस मुद्दे पर मिलकर आवाज उठाएंगी. सतीश मिश्रा ने आम आदमी पार्टी को कांग्रेस की ही तरह बताया. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय कृषि कानूनों का स्वागत किया है.

गठबंधन राजनीतिक दलों को बेनकाब करेगा

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किसान विरोधी है और ये गठबंधन इन तमाम राजनीतिक पार्टियों का चेहरा बेनकाब करेगा. गठबंधन की सरकार बनने के बाद केंद्रीय कृषि कानूनों को किसी भी हाल में पंजाब में लागू नहीं होने दिया जाएगा. दलित उत्थान की जिन योजनाओं को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पंजाब में बंद किया है, उन्हें लागू किया जाएगा. साथ ही गुरु रविदास के मंदिर के निर्माण कार्य को भी एक बार फिर से सरकार बनने पर शुरू किया जाएगा.

बीएसपी इन सीटों पर लड़ेगी चुनाव

बसपा के हिस्से में जालंधर का करतारपुर साहिब, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर सदर, दासुया, रुपनगर जिले में चमकौर साहिब, पठानकोट जिले में बस्सी पठाना, सुजानपुर, अमृतसर उत्तर और अमृतसर मध्य समेत 20 सीटें आई हैं. इससे पहले SAD का BJP के साथ गठबंधन था, लेकिन पिछले साल केन्द्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर बादल नीत पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का साथ छोड़ दिया. SAD के साथ गठबंधन में BJP 23 सीटों पर चुनाव लड़ा करती थी.

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