नई दिल्ली: सुपरटेक बिल्डर के NCR के ठिकानों पर ED की छापेमारी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुपरटेक ट्विन टॉवर निर्माण में प्राधिकरण अफ़सरों ओर बिल्डर की भूमिका संधिग्ध पाए जाने और SIT जाँच के बाद दर्ज कराए गए मुकदमे से जुड़ी ये छापेमारी मानी जा रही है.

नई दिल्ली: सुपरटेक बिल्डर के ठिकानों पर आज सुबह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी जारी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह 8 बजे ईडी की टीम नोएडा और गाजियाबाद के उन ठिकानों पर छापेमारी कर रही है जहां पर सुपरटेक बिल्डर के दफ़्तर मौजूद हैं. सेक्टर 96 स्थित सुपरटेक बिल्डर कंपनी के दफ़्तर पर ईडी के अधिकारी 6 गाड़ियों से करीब 10 बजे पहुंचे और छानबीन शुरू कर दी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुपरटेक ट्विन टॉवर निर्माण में प्राधिकरण अफ़सरों ओर बिल्डर की भूमिका संधिग्ध पाए जाने और SIT जाँच के बाद दर्ज कराए गए मुकदमे से जुड़ी ये छापेमारी मानी जा रही है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के एमरल्ड कोर्ट के 2 अवैध टावरों को तोड़ने के आदेश में बदलाव से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने सुपरटेक की याचिका खारिज कर दी थी. सुपरटेक का कहना था कि 224 फ्लैट वाले अधूरे बने एक टावर को तोड़ने के बाद भवन निर्माण के नियमों का पालन हो जाएगा. इसलिए दूसरे टावर को बने रहने दिया जाए लेकिन कोर्ट ने इस पर राहत नहीं दी. सुप्रीम कोर्ट इससे पहले नोएडा में बनाए गए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग प्रोजेक्ट में 40 मंजिला टावरों में से दो को ध्वस्त करने का निर्देश दे चुका है. हालांकि अब कहा जा रहा है कि दो टावरों में से केवल एक को ही ध्वस्त करने का प्रस्ताव था.

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को दिए अपने आदेश में एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध ठहराया है और दोनों 40 मंजिला टावरों को ढहाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. आदेश के तहत बिल्डर को तीन महीने में टावर गिराने होंगे. इसका खर्च भी बिल्डर खुद उठाएगा.

 

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