नई दिल्ली: हरियाली तीज 2021-धार्मिक दृष्टि से हरियाली तीज है बहुत महत्वपूर्ण, जानें इसकी कथा और शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार, 11 अगस्त 2021 को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका बेहद ही महत्व माना जाता है. जानें कब है शुभ मुहूर्त.

नई दिल्ली : पंचांग के अनुसार 11 अगस्त 2021, बुधवार को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है. श्रावण शुक्ल की तृतीया तिथि को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है. हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दिन व्रत रखकर सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. हरियाली तीज पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. हरियाली तीज पर मेहंदी का भी अपना एक अलग और खास महत्व है तभी तो महिलाएं इस पर्व पर मेहंदी जरूर लगवाती हैं. अगर आप भी अपने अपती के लिए ये व्रत रखती हैं तो हमारे साथ हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जान लें.

महत्व
हरियाली तीज पर व्रत रखने का विधान है. इस व्रत को निर्जला व्रत भी कहते हैं. हरियाली तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना गया है. इस व्रत का विशेष पुण्य प्राप्त होता है. ये व्रत दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाता है. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. सावन के महीने का ये विशेष पर्व है, जो सुहागिन स्त्रियों को समर्पित है.

शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज का व्रत विधि पूर्वक करना चाहिए, तभी इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है. इस व्रत की पूजा में शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए. पंचांग के मुताबिक, हरियाली तीज का पर्व 11 अगस्त 2021, बुधवार के दिन मनाया जाएगा. लेकिन तृतीया की तिथि 10 अगस्त, मंगलवार की शाम 06 बजकर 11 मिनट से ही आरंभ हो जाएगी. तृतीया तिथि 11 अगस्त 2021, बुधवार को शाम 04 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी.

पूजा विधि
हरियाली तीज का पर्व 11 अगस्त, बुधवार को रखा जाएगा.
– इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान करें.
– स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
– इस दिन मायके से आए हुए वस्त्र धारण करने की परंपरा है.
– इसके बाद व्रत का संकल्प लें.
– हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार का भी विशेष महत्व है.
– पूजा शुरू करने से पहले एक चौकी पर मिट्टी में गंगा जल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं.
– इसके बाद एक थाली में सुहाग की सामग्री जिसमें बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी, नेल पॉलिश, अक्षत, धूप, दीप, गंधक आदि सजाकर अर्पित करें.
– भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं.
– भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.

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