नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में-आज 12 घंटे के लिए किसानों का भारत बंद-जानें क्या होगा असर

नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में शुक्रवार (26 मार्च) को रेल और सड़क परिवहन के प्रभावित होने की संभावना है तथा बाजार भी बंद रह सकते हैं क्योंकि केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने संपूर्ण ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। हालांकि पांच चुनावी राज्यों में यह बंद नहीं होगा। संयुक्त किसान मोर्चे के अनुसार देश भर में राष्ट्रव्यापी बंद 26 मार्च को सुबह छह बजे से शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा जो दिल्ली की तीन सीमाओं-सिंघू, गाजीपुर और टीकरी पर किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर किया जा रहा है।

संयुक्‍त किसान मोर्चा के मुताबिक, किसान आंदोलन के 4 महीने (120 दिन) पूरे होने पर ‘भारत बंद’ किया जा रहा है। किसान आंदोलन पिछले साल 26 नवंबर को शुरू हुआ था। बता दें कि, हजारों की संख्‍या में किसान दिल्‍ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस, लेफ्ट, समेत कई विपक्षी दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है। किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि वे 28 मार्च को होलिका दहन पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। आप भी जानिए 26 मार्च (शुक्रवार) को भारत बंद के दौरान देश में क्‍या-क्‍या खुला रहेगा और क्‍या बंद रहेगा। साथ ही जानिए सड़क और रेल पर कितना असर पड़ेगा।

जानिए दिल्ली में कैसी रहेगी सुरक्षा व्यवस्था

26 मार्च रो किसान संगठनों द्वारा भारत बंद का ऐलान किया गया है। दिल्ली पुलिस के PRO ने बंद को लेकर पुलिस की तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “पूरी पुलिस ग्राउंड पर होगी। हमने दिल्ली के बॉडरों पर भी चौकसी कर रखी है। 15 जिलों के DCP अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।”

26 मार्च को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक भारत बंद का आवाह्न

नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का भारत बंद 26 मार्च 2021 की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, 26 मार्च को ‘संपूर्ण रूप’ से भारत बंद रहेगा। इस दौरान पूरे देश में सड़क और रेल परिवहन, बाजार और दूसरे सार्वजनिक स्थानों को बंद करने की घोषणा की गई है।

दिल्ली में भी दिखेगा भारत बंद का प्रभाव- किसान नेता

मोर्चे के नेता दर्शनपाल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि बंद के दौरान सब्जियों और दूध की आपूर्ति भी रोकी जाएगी। मोर्चे ने एक बयान में कहा, ‘‘संपूर्ण भारत बंद के तहत सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे। सभी छोटे और बड़े मार्ग अवरुद्ध किए जाएंगे तथा ट्रेनों को रोका जाएगा। एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। भारत बंद का प्रभाव दिल्ली में भी दिखेगा।’’ वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सड़क और रेल परिवहन को अवरुद्ध किया जाएगा तथा बाजार भी बंद रहेंगे। मोर्चा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में भी बंद किया जाएगा। राजेवाल ने कहा कि संगठित और असंगठित क्षेत्र से जुड़ी ट्रेड यूनियनों और परिवहन एवं अन्य संगठनों ने ‘भारत बंद’ के किसानों के आह्वान को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘किसान विभिन्न स्थानों पर रेल पटरियों को अवरुद्ध करेंगे। भारत बंद के दौरान बाजार और परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी।’’ राजेवाल ने कहा कि हालांकि एंबुलेंस और अग्निशमन जैसी आवश्यक सेवाओं को बंद के दौरान अनुमति होगी। किसान नेता दावा कर रहे हैं कि 26 मार्च को दिल्ली के अंदर भी भारत बंद का प्रभाव देखा जाएगा। किसान संगठन इस दौरान देश में जगह-जगह प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ की नए कृषि कानून और सरकार के पुतले भी जलाए जाएंगे।

जानिए क्या-क्या रहेगा बंद?

किसानों के भारत बंद के दौरान देश भर की दुकानों, बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठानों आदि को बंद रखने का आह्वान किया गया है। सभी तरह की दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। इस दौरान दूध और डेयरी के उत्पादों की डिलीवरी को लेकर समस्या आ सकती है। ऐसे में अगर आप रोज दूध और डेयरी के उत्पाद खरीद कर लाते हैं तो आप आज शाम को ही इसकी व्यवस्था कर लें। किसान संगठनों ने कहा है कि लोगों से स्वेच्छा से दुकानें बंद रखने को कहा गया है। हालांकि, इसमें व्यापारी संगठन पूर्ण भागीदारी देंगे या नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ है। व्यापारी इस भारत बंद में शामिल होंगे या नहीं, यह उन पर निर्भर है।

जानिए क्या रहेगा खुला

किसान नेताओं के अनुसार, किसी कंपनी या फैक्‍ट्री को नहीं बंद कराया जाएगा। पेट्रोल पंप, मेडिकल स्‍टोर, जनरल स्‍टोर जैसी जरूरत की जगहें खुली रहेंगी। भारत बंद के दौरान सड़कों को जाम नहीं किया जाएगा। इस वजह से यातायात पूरी तरह से सामान्य रहेगा। इसके अलावा भारत बंद के दौरान किसान रेल मार्ग को भी बाधित नहीं करेंगे। फैक्ट्रियों-कंपनियों को नहीं बंद करवाने का फैसला लिया गया है। पेट्रोल पंप, परचून की दुकानें, मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर और किताब की दुकानें भी इस दौरान खुली रहेंगी।

होलिका दहन’ पर नए कृषि कानूनों की कॉपियां जलाई जाएंगी

किसान नेताओं ने यह भी कहा कि 28 मार्च को ‘होलिका दहन’ पर नए कृषि कानूनों की कॉपियां जलाई जाएंगी। भारत बंद को लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के बीच फूट नहीं पड़ेगी। उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली जाकर किसानों को फिर से बैरिकेड्स तोड़ना होगा। टिकैत ने जयपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि “उन्होंने (केंद्र) हमें जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की लेकिन वे असफल रहे। आपको अह्वान करने पर फिर दिल्ली जाना होगा और फिर बैरिकेड्स तोड़ने होंगे।’

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स भारत बंद में नहीं होगा शामिल

वहीं, देश में आठ करोड़ व्यापारियों के प्रतिनिधित्व का दावा करनेवाली ‘कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ ने कहा कि 26 मार्च को बाजार खुले रहेंगे क्योंकि वह ‘भारत बंद’ में शामिल नहीं है। संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने  कहा, ‘‘हम कल भारत बंद में शामिल नहीं हो रहे हैं। दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे। जारी गतिरोध का समाधान केवल वार्ता प्रक्रिया से किया जा सकता है। कृषि कानूनों में संशोधन पर चर्चा होनी चाहिए जो मौजूदा कृषि को लाभ योग्य बना सकते हैं।’’ किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि ‘भारत बंद’ का बड़ा प्रभाव हरियाणा और पंजाब में होगा। उन्होंने कहा कि चुनावी राज्यों-तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी के लोगों से बंद में शामिल नहीं होने की अपील की गई है।

जानिए पिछली बार क्या हुआ था?

आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का यह आंदोलन पिछले साल 26 नवंबर को शुरू हुआ था। किसान संगठनों ने कहा कि सिर्फ अपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी बाकी सबकुछ बंद रखा जाएगा। जाहिर है ऐसे में आपको आपके क्षेत्र में होने वाले प्रदर्शन की जानकारी होनी चाहिए नहीं तो आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है। पिछली बार 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के कुछ दिन बाद ही किसानों ने चक्‍का जाम की घोषणा की थी। हालांकि गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल से साथ बैठक की। उसके बाद ये कहा गया कि उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में ऐसा नहीं किया जाएगा। पिछली बार असर उतना ज्‍यादा देखने को नहीं मिला था। गौरतलब है कि पिछली बार भारत बंद 3 घंटे का था, जिस वजह से आम जनजीवन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। ऐसे में देखना होगा कि इस बार किसान क्या करते हैं।

 

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