नई दिल्ली: पाकिस्तानी नौसेना के दुस्साहस को भारत ने गंभीरता से लिया

पाकिस्तान का दुस्साहस कम होने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक पाकिस्तान की ओर से भारत में नापाक हरकतें की जा रही है. इसी क्रम में गुजरात तट के पास पाकिस्तानी नौसेना ने भारतीय नाव पर गोलियां चलाईं, जिसमें एक भारतीय मछुआरे की मौत हो गई है.

नई दिल्ली: पाकिस्तान का दुस्साहस कम होने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक पाकिस्तान की ओर से भारत में नापाक हरकतें की जा रही है. इसी क्रम में गुजरात तट के पास पाकिस्तानी नौसेना ने भारतीय नाव पर गोलियां चलाईं, जिसमें एक भारतीय मछुआरे की मौत हो गई है, जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है. भारतीय मछुआरों पर पाकिस्तान मेरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी की ओर से फायरिंग और इन घटना में एक मछुआरे की मौत के मसले को भारत ने गंभीरता से लिया है. इस मसले को पाकिस्तान से राजनयिक स्तर पर उठाया गया है. इस मामले की अभी जांच जारी है.

गुजरात के द्वारका में रविवार को पाकिस्तान मरीन ने ‘जलपरी’ नाम की नाव पर फायरिंग की है. इस गोलीबारी में मछुआरे श्रीधर की मौत हो गई है. इससे पहले भी पाकिस्तान की ओर से भारतीय मछुआरों के खिलाफ गिरफ्तारी और नौका जब्ती जैसी कार्रवाई की जा चुकी है. मार्च में पाकिस्तान ने 11 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर उनकी दो नौकाएं जब्त कर ली थीं. पाक ने फरवरी में भी 17 भारतीय मछुआरों को देश के जलक्षेत्र में कथित रूप से प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया था और उनकी 3 नौकाओं को जब्त कर लिया था.

अरब सागर में समुद्री सीमा का कोई स्पष्ट सीमांकन न होने के चलते पाकिस्तान और भारत अक्सर एक-दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं और मछुआरों के पास उनके सटीक स्थान को जानने को तकनीक से लैस नौकाएं नहीं हैं. सुस्त नौकरशाही और लंबी विधिक प्रक्रियाओं की वजह से आमतौर पर मछुआरे कई महीनों तक जेलों में रहते हैं और कभी-कभी सालों तक भी.

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