नई दिल्ली: कोरोना वायरस की रफ्तार के आगे ‘लॉकडाउन’! डर में प्रवासियों का पलायन तेज-बन रहे 2020 जैसे हालात

लॉकडाउन और वीकेंड कर्फ्यू की घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों का पलायन फिर से शुरू हो गया है और स्थिति 2020 की तरह की नजर आने लगी है.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर बहुत ज्यादा बेलगाम हो गई है. देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है. कोरोना संक्रमण की रफ्तार भी अब लोगों को डराने लगी है तो बिगड़ती स्थिति को देखते हुए राज्यों में पाबंदियां लगाई जा रही हैं. कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा है तो अब कुछ राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन का भी ऐलान कर दिया गया है. लॉकडाउन और वीकेंड कर्फ्यू की घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों का पलायन फिर से शुरू हो गया है और स्थिति 2020 की तरह की नजर आने लगी है. अपने-अपने घर जाने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर लोगों की भीड़ जुटने लगी है. देश के कई राज्यों से कोरोना की दूसरी लहर में पलायन की तस्वीरें सामने आ रही हैं.

यह पलायन इंटर स्टेट है, इंटर डिस्ट्रिक है. शहरों से गांव की ओर है. इसके साथ ही कॉलेज बंद हो जाने के कारण छात्र भी अब अपने घर जल्द से जल्द पहुंच जाना चाहते हैं. जिस तरह कोरोना का कोहराम लगातार बढ़ता जा रहा है, सरकार सख्त होती जा रही है. लोगों को एक बार फिर लॉक डाउन का डर सता रहा है, ऐसे लोग अब घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर अचानक यात्री भार बढ़ गया है और वजह है कि लोग अब एक बार फिर अपने घर पहुंच रहे हैं. लोगों को लॉकडाउन का डर सता रहा है. लिहाजा लोग अब अपने घर जाना चाह रहे हैं, अलग इसमें रूटीन यात्री भी है.

कोरोना के बढ़ते कहर के चलते ना सिर्फ महानगरों से मजदूरों और कामगारों का पलायन हो रहा है. राष्ट्रीय राजधानी हो, देश की आर्थिक नगरी मुंबई हो या अन्य बड़े शहर, यहां से लोग फिर से बड़ी संख्या में अपने अपने घरों को लौट रहे हैं. शुक्रवार को देखा गया कि वीकेंड कर्फ्यू लगने से पहले बड़ी संख्या में लोग दिल्ली के आनंद विहार बस टर्मिनल पहुंचे. एक व्यक्ति ने बताया कि यहां कल से वीकेंड कर्फ्यू लगने वाला है, इसलिए हम अपने गांव जा रहे हैं, क्योंकि हम रोज कमाने वाले इंसान हैं. काम बंद हो जाएगा तो हम यहां क्या करेंगे. मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल पर भी भारी संख्या में प्रवासियों की भीड़ दिखाई पड़ी है. मुंबई के स्टेशन पर एक यात्री ने कहा कि यहां काम नहीं है, हम बैठ कर कैसे खाएंगे.

उधर, अभी तक राजस्थान पलायन के दंश से अछूता था, मगर जिस तरह कोरोना बेकाबू हो रहा है और सरकार लगातार तक गाइडलाइन ला रही है. ऐसे में राजस्थान से भी धीरे-धीरे लोग पलायन करने लगे हैं. जयपुर से भी पलायन शुरू हो गया. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बड़े बड़े शहरों से भी पलायन की तस्वीरें आ रही हैं. लोग बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर घर लौटने के लिए गाड़ियों का इंतजार कर रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर के शहरों से भी बड़ी संख्या में लोग घरों को लौट रहे हैं.

फिलहाल पलायन कर रहे लोगों में लॉकडाउन का डर है तो ऐसी स्थिति बनने के लिए खाने पीने के साधन जुटाने की चुनौती है. लिहाजा ये लोग अपने घरों को लौटना ही बेहतर समझ रहे है. हालांकि राज्यों के लिए पलायन करने वालों की रफ्तार भले ही अभी धीमी है, लेकिन समय रहते हैं सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया तो हालात बेकाबू हो जाएंगे. एक बार फिर फैक्ट्रियों में ताले लगाने की नौबत आ जाएगी.

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