नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के बीच बने मैत्री सेतु का आज PM मोदी करेंगे उद्घाटन

Maitre Setu Bridge राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड द्वारा 133 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर किया गया. 1.9 किलोमीटर लंबा यह पुल भारत में सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ता है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को ‘मैत्री सेतु’ का उद्घाटन करेंगे. यह पुल भारत और बांग्लादेश के बीच फेनी नदी पर बना है. पीएमओ ने बताया कि वो कार्यक्रम के दौरान त्रिपुरा में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे. पीएमओ ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नौ मार्च को दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री सेतु का उद्घाटन करेंगे. पुल मैत्री सेतु फेनी नदी पर बनाया गया है. ये नदी त्रिपुरा और बांग्लादेश में भारतीय सीमा के बीच बहती है. पीएमओ ने कहा कि मैत्री सेतु भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों और मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रतीक है.

 

133 करोड़ की लागत से बना पुल
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड द्वारा 133 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर किया गया. 1.9 किलोमीटर लंबा यह पुल भारत में सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ता है. बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी सबरूम में एकीकृत जांच चौकी स्थापित करने के लिए आधारशिला भी रखेंगे. वह अगरतला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बने एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन करेंगे.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने 26 मार्च में बांग्लादेश का दौरा करेंगे और पड़ोस मुल्क की स्वतंत्रता और भारत-बांग्लादेश राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ पर होने वाले समारोहों में शिरकत करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी मतुआ समुदाय के धर्मगुरु हरिचंद्र ठाकुर की जन्मस्थली और तीर्थस्थल पर जाएंगे. जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी अपने इस दौरे पर सुगंधा शक्तिपीठ और ओरकंडी मंदिर सरीखे धार्मिक स्थल भी जा सकते हैं. अब ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को बंगाल और असम के दौरे के चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.  27 मार्च को बंगाल की 30 और असम की 47 सीटों पर वोटिंग होनी है. पीएम मोदी का बांग्लादेश दौरा बीजेपी के लिए बेहद खास है. पीएम मोदी के इस दौरे से मतुआ समुदाय को शामिल करने की कोशिश की जा रही है. दरअसल बांग्लादेश की आजादी से पहले बड़ी आबादी पश्चिम बंगाल आ गई थी. इसमें काफी संख्या में मतुआ समुदाय के लोग भी शामिल है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने इस दौरे पर मतुआ समुदाय को साधने की कोशिश करेंगे.

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