नई दिल्ली: राम मंदिर ट्रस्ट की पहली मीटिंग 10 दिन में संभव

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janmbhumi Teerth Kshetra Trust) के गठन के बाद अयोध्या (Ayodhya) के संत समाज में इसका विरोध शुरू हो गया था. संतों के विरोध के बाद बताया गया था कि अगली बैठक में ट्रस्ट में संतों को भी जगह दे दी जाएगी

नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से तीन दिन पहले अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर (Ram temple) के निर्माण के लिए 15 सदस्यीय एक स्वतंत्र ट्रस्ट का गठन किया गया था. खबर है कि संतों की नाराजगी के बाद अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janmbhumi Teerth Kshetra Trust) की पहली बैठक में पांच संतों को भी सदस्य बनाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक अगले 10 दिन में ट्रस्ट की पहली बैठक होगी, जिसमें मंदिर निर्माण का रोडमैप तैयार किया जाएगा.

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद अयोध्या के संत समाज में इसका विरोध शुरू हो गया था. संतों के विरोध के बाद बताया गया था कि अगली बैठक में ट्रस्ट में संतों को भी जगह दे दी जाएगी. खबर है कि ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि, महामंडलेश्वर गोविंददेव गिरि और पेजावर पीठाधीश स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ को ट्रस्ट के लिए चुना गया है.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में मनोनीत सदस्य स्वामी गोविंद देव गिरि जी के मुताबिक ट्रस्ट में उनके चुने जाने की सूचना उन्हें मीडिया से ही मिली है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में उनकी भूमिका क्या होगी, इसके बारे में भी उन्हें अभी तक पता नहीं चला है. रामजन्म भूमि मामले में काफी लंबे समय से सक्रिय गोविंद देव जी ने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता ये है कि सारे सदस्य मिलकर उन 5 सदस्यों का चयन करें, जिनका स्थान अभी ट्रस्ट में खाली रखा गया है. उन्होंने कहा पहली मीटिंग के बाद ही ट्रस्ट की कार्यशैली और सदस्यों की भूमिका के बारे में चीजें स्पष्ट हो सकेंगी.

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