अब Aadhaar के जरिए फाइनेंशियल फ्रॉड पर लगेगी लगाम, NPCI ने दिया ये प्रस्ताव

NPCI के CEO ने कहा, टैक्स चोरी हमारे देश में एक बड़ा मुद्दा है. आज पैन और आधार को आपस में जोड़ने के साथ, जब किसी ग्राहक के पास कई बैंकों में खाता है, तो आधार वहां जुड़ा हुआ है.

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के एक शीर्ष अधिकारी ने टैक्स चोरी सहित वित्तीय अपराधों का पता लगाने के लिए आधार लिंक्ड टेक्नोलॉजीज के इस्तेमाल का प्रस्ताव रखा. एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) दिलीप असबे ने कहा कि ऐसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल तीन-चार वर्षों में किया जाएगा.

उन्होंने कहा, टैक्स चोरी हमारे देश में एक बड़ा मुद्दा है. आज पैन और आधार को आपस में जोड़ने के साथ, जब किसी ग्राहक के पास कई बैंकों में खाता है, तो आधार वहां जुड़ा हुआ है. हम संदिग्ध मामलों के लिए डेटा पर थोड़ी और नजर क्यों नहीं रख सकते ताकि यह पता लगा सकें कि क्या देश में कर चोरी हो रही है? असबे ने कहा कि जनता की भलाई के लिए आधार के कई इस्तेमाल संभव हैं.

उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि इसका इस्तेमाल तीन-चार साल में किया जाएगा, लेकिन क्या हम इतना समय इंतजार कर सकते हैं? अधिकारी ने कहा कि एक विशिष्ट पहचान पत्र के तौर पर आधार का काफी महत्व है लेकिन अब भी इसका पूरा दोहन नहीं किया गया है.

नया आधार कार्ड बनवाने के लिए आपको कोई पैसा नहीं देना होता है. यह सर्विस फ्री है. आधार को अपडेट करने यानी नाम, पता, जन्म तिथि, ई-मेल आदि में सुधार के लिए आपको चार्ज देना पड़ेगा. डेमोग्राफिक अपडेट (Demographic Update) के लिए 50 रुपये और बायोमेट्रिक अपडेट (Biometric Update) के लिए 100 रुपये (डेमोग्राफिक अपडेट के साथ/बिना) चार्ज है.

सरकारी योजनाएं आधार से हैं लिंक

नरेंद्र मोदी सरकार ने तमाम योजनाओं को आधार से लिंक कर दिया है. 54 मंत्रालयों की लगभग 311 केंद्रीय कल्याण योजनाएं आधार का उपयोग करते हुए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) प्लेटफॉर्म के तहत आती है. किसानों के लिए पीएम-किसान निधि योजना आधार प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसमें लगभग 10 करोड़ किसानों को हर चार महीने के बाद 2000 रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं.

आधार के इस्तेमाल में जबरदस्त उछाल

आधार कार्ड (Aadhar Card) के इस्तेमाल में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. यह भारत की 130 करोड़ आबादी से अधिक है और यह दर्शाता है कि जिन लोगों के पास आधार संख्या है, वे सरकार से कई लाभों का दावा करने के लिए इसका एक से अधिक बार इस्तेमाल कर सकते हैं. भारत में 130 करोड़ लोग अब लगभग 100 फीसदी आधार संख्या रखते हैं.

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