‘पाकिस्तान ही अड़ंगा है अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए, डूरंड लाइन पर सक्रिय हैं

भारत ने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और सुरक्षा परिषद को ऐसी ताकतों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से कहा कि अफगानिस्तान तभी सफल हो सकता है जब डूरंड रेखा से आतंकवादी गतिविधियों का संचालन नहीं हो. भारत ने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और सुरक्षा परिषद को ऐसी ताकतों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए. भारत का दो टूक कहना है कि शांति वार्ता और हिंसा एक साथ नहीं चल सकते. डूरंड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा है.

पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा, ‘आज जब हम बैठक कर रहे हैं ठीक उसी वक्त अफगानिस्तान के कई इलाकों में जंग जारी है. रिपोर्ट्स आ रही हैं जिनमें बच्चों, महिलाओं समेत आम नागरिकों पर आतंकी हमले की खबरें हैं. शांति प्रक्रिया और हिंसा साथ में नहीं चल सकते और हम तत्काल समग्र संघर्ष विराम का आह्वान करते हैं. अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति के लिए हमें डूरंड रेखा से संचालित आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद हिंसा और आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोले तथा आतंकवादी ठिकानों और उनकी सुरक्षित पनाहों के खिलाफ कार्रवाई करे.’

डूरंड लाइन पर विदेशी लड़ाकों की मौजूदगी
उन्होंने आगे कहा, हमें डूरंड लाइन के आस-पास आतंक का सफाया करना होगा. उन्होंने कहा- अलकायदा/आईएसआईएस सैंक्शन कमेटी के तहत बनी एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शन मॉनिटरिंग टीम की रिपोर्ट के मुताबिक डूरंड लाइन में विदेश लड़ाकों की मौजूदगी भी दर्ज की गई है. अफगानिस्तान में शांति के लिए आतंकियों की यह सप्लाई चेन खत्म करनी होगी.

 

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