पेरिस: कोरोना वायरस-बच्चों को आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है हैंड सैनिटाइजर

एक नई रिसर्च में ऐसा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसे जानने के बाद आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल थोड़ा संभलकर करेंगे।

पेरिस: कोरोना वायरस की महामारी दुनिया में फैलने के साथ ही सैनिटाइजर की मांग भी उसी तेजी के साथ बढ़ी है। कुछ महीने पहले तक जिसने सैनिटाइजर का नाम भी नहीं सुना होगा, उसे अपनी सुरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल करते रहना पड़ता है। हालांकि एक नई रिसर्च में ऐसा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसे जानने के बाद आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल थोड़ा संभलकर करेंगे। फ्रांस में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, अल्कोहल से भरपूर सैनिटाइजर आंख में गलती से भी चला जाए तो यह आंखों की रोशनी जाने का कारण बन सकता है। ऐसी घटनाओं के शिकार ज्यादातर बच्चे ही होते हैं, ऐसे में यह रिसर्च काफी अहम है।

आमतौर पर सैनिटाइजर में होता है 70 फीसदी अल्कोहल

फ्रेंच पॉइजन कंट्रोल सेंटर के डेटाबेस के मुताब‍िक, 2020 में सैनिटाइजर की वजह से बच्चों के घायल होने की घटना में 7 गुना का इजाफा हुआ। रिसर्च के मुताबिक, एक अप्रैल 2020 से 24 अगस्त 2020 तक सैनिटाइजर से हुई दुर्घटनाओं की संख्या 232 रही जो 2019 में सिर्फ 33 थी। बता दें कि दुनियाभर में आमतौर पर जो सैनिटाइजर इस्तेमाल में लाया जाता है उसमें 70 फीसदी तक अल्कोहल होता है और यह कोरोना वायरस पर काफी असरदार साबित हुआ है। हालांकि, इसके चलते कई दुर्घटनाएं भी सामने आई हैं जिनमें लोगों की जान तक चली गई है।

‘बच्चों को ले जाना पड़ा था अस्पताल, आगे से संभलकर रहें’
भारत के रिसर्चर्स के मुताबिक, सैनिटाइजर को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए क्योंकि ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें बच्चों की आंखों में सैनिटाइजर चला गया है और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा है। बता दें कि कई बार बच्चे भी अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में कोशिश की जानी चाहिए कि उन्हें इससे दूर रखा जाए। बच्चों की सैनिटाइजर तक पहुंच रोकने के लिए इसे ऊंची जगहों पर रखें। साथ ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की बजाय साबुन से हाथ धोने को ज्यादा प्राथमिकता दें।

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