राजस्थान: में जारी सियासी घमासान-राज्यपाल से मिल सीएम ने की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग

राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार दोपहर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की। इस दौरान कांग्रेस ने एक बार फिर दावा किया कि गहलोत सरकार के पास 109 विधायकों का समर्थन है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनके खेमे के सभी विधायक भी राजभवन पहुंचे थे। 

राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि हमारे पास बहुमत है। सरकार के पास 109 विधायकों का समर्थन हासिल है। उन्होंने सचिन पायलट और बीजेपी पर एक होने का भी आरोप लगाया। वहीं, मुख्यमंत्री गहलोत जब राज्यपाल से मुलाकात कर रहे थे तो बाकी विधायक मंत्री बाहर लॉन में इंतजार कर रहे थे। इस दौरान इन विधायकों ने नारेबाजी की। विधायकों ने ‘हर जोर जुल्म की टक्कर में इंसाफ हमारा नारा है’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘अशोक गहलोत संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं, ‘अशोक गहलोत जिंदाबाद’ के नारे लगाए।

जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक होटल से ये विधायक बसों से अपराह्र लगभग ढाई बजे राजभवन पहुंचे। ये विधायक विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से सामूहिक आग्रह करने पहुंचे थे। माकपा के विधायक बलवान पूनियां और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी इनमें शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले गहलोत ने संवादाताओं से कहा कि राज्यपाल मिश्र ऊपर से दबाव के कारण विधानसभा सत्र नहीं बुला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है और विधानसभा में ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाएगा। गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन की ओर रवाना होने से पहले संवाददाताओं के समक्ष यह बात कही थी। गहलोत ने कहा, ‘हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण वह (राज्यपाल) अभी विधानसभा सत्र बुलाने के लिए निर्देश नहीं दे रहे हैं। इस बात का हमें बहुत दुख है। जबकि हम सत्र बुलाना जाना चाहते हैं।’

इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भेजे गए अयोग्यता के नोटिसों पर यथास्थिति बरकरार रखने का शुक्रवार को आदेश दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी द्वारा शिकायत दिए जाने के बाद इन विधायकों को 14 जुलाई को नोटिस जारी किया था। कांग्रेस ने शिकायत में कहा था कि विधायकों ने पिछले हफ्ते बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन किया। कांग्रेस ने पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई की मांग की थी।

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