सऊदी अरब: भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश कर सकता है सऊदी अरब

सऊदी अरब (Saudi Arab) भारत (India) की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए देश में पेट्रो रसायन, बुनियादी संरचना और खनन समेत अन्य क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर निवेश करने की संभावनाएं देख रहा है. सऊदी अरब के राजदूत डॉ सऊद बिन मोहम्मद अल साती ने कहा कि भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य है और सऊदी अरब तेल, गैस व खनन जैसे मुख्य क्षेत्रों में दीर्घकालिक भागीदारी पर गौर कर रहा है.

पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, ‘सऊदी अरब ईंधन, परिशोधन, पेट्रो रसायन, बुनियादी संरचना, कृषि, खनिज और खनन जैसे क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर निवेश करने के अवसरों पर गौर कर रहा है.’

उन्होंने कहा कि भारत के तेल आपूर्ति, खुदरा ईंधन बिक्री, पेट्रोरसायन और लुब्रिकैंट बाजार में अरामको की निवेश की योजना इन क्षत्रों में कंपनी के वैश्विक विस्तार की रणनीति का हिस्सा है.

अल साती ने कहा कि सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 से भी दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार व कारेाबार में उल्लेखनीय विस्तार होगा.

सऊदी अरब विजन 2030 के तहत पेट्रोलियम उत्पादों पर आर्थिक निर्भरता कम करने का प्रयास कर रहा है. भारत सऊदी अरब से अपनी जरूरत का 17 प्रतिशत कच्चा तेल तथा 32 प्रतिशत एलपीजी खरीदता है.

राजदूत ने कहा कि 2019 में दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त भागीदारी तथा निवेश के 40 से अधिक अवसरों की पहचान की गयी है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 34 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है और इस बात में कोई शक नहीं कि इसमें वृद्धि ही देखने को मिलेगी.

आईपीओ के सवाल पर भी दिया जवाब
अरामको के आईपीओ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कंपनी को विस्तृत दुनिया के संपर्क में लाएगा.

भारत के साथ भविष्य के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध पहले ही कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पादों तथा एलपीजी की आपूर्ति से आगे बढ़ चुके हैं और पेट्रो रसायन व खोज जैसे क्षेत्रों में संयुक्त भागीदारी तथा निवेश पर ध्यान दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘भारत द्वारा सऊदी अरब को रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार में निवेश करने का निमंत्रण दिया जाना दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे का सबूत है.’

पीटीआई इनपुट के साथ

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