जम्मू-कश्मीर में सेना की नए सिरे से तैनाती से अटकलें, भड़का पाकिस्तान

जम्‍मू-कश्‍मीर को दोबारा बांटकर जम्‍मू को पूर्ण राज्‍य का का दर्जा देने समेत और भी कई बदलाव किए जा सकते हैं. जाहिर है इन चर्चाओं पर अब पाकिस्‍तान का विदेश मंत्रालय भड़क गया है.

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में भारतीय सेना की टुकड़ियों के मूवमेंट से अफवाहों का बाजार फिर से गर्म हो गया है. यह मूवमेंट ठीक 2019 जैसा बताया जा रहा है, जिसके बाद राज्य के विशेषाधिकार का दर्जा खत्म किया गया था. इन अटकलों को जम्‍मू-कश्‍मीर के उपराज्‍यपाल मनोज सिन्‍हा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की मुलाकात ने औऱ तूल दे दिया है. इस मुलाकात और सेना के मूवमेंट से केंद्र शासित प्रदेश में बड़े राजनीतिक बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. दावा किया जा रहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर को दोबारा बांटकर जम्‍मू को पूर्ण राज्‍य का का दर्जा देने समेत और भी कई बदलाव किए जा सकते हैं. जाहिर है इन चर्चाओं पर अब पाकिस्‍तान (Pakistan) का विदेश मंत्रालय भड़क गया है और भारत पर फिर से अनर्गल बयानबाजी कर रहा है.

अटकलों का बाजार गर्म
सुगबुगाहट है कि जम्मू को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के साथ सूबे को और हिस्सों में बांटा जा सकता है. इसके अलावा यह भी अटकल लगाई जा रही है कि कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर केंद्र सरकार कोई बड़ा ऐलान कर सकती है. इसे लेकर ही सेना का मूवमेंट हो रहा है. हालांकि जानकार यह भी कह रहे हैं कि भारतीय सेना के जिन जवानों को पहले हटाया गया था, उन्हीं की फिर से तैनाती की जा रही है. गौरतलब है कि इमरान खान और उनकी सरकार के कई नेताओं ने कहा था कि भारत के साथ संबंधों को सामान्य करने की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले उसे 2019 में कश्मीर के खत्म किए गए स्टेटस को फिर से वापस करना होगा.

पाकिस्तान ने फिर दिया बयान
इन गतिविधियों के बीच पाकिस्‍तान ने जम्‍मू-कश्‍मीर में भारत के कथित प्रशासनिक और जनसांख्यिकी संबंधी बदलाव पर गंभीर चिंता जताई है. जम्‍मू-कश्‍मीर में कथित रूप से दोबारा बंटवारे की खबरों पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता जाहिद हाफिज चौधरी ने कहा कि इस तरह के बदलाव का कोई कानूनी प्रभाव नहीं होगा. पाकिस्‍तानी प्रवक्‍ता ने कहा कि भारत ने जम्‍मू-कश्‍मीर में एकपक्षीय और अवैध कार्रवाई करके अंत‍रराष्‍ट्रीय कानूनों का उल्‍लंघन किया है. उन्होंने कहा है कि भारत जम्‍मू-कश्‍मीर के विवादित दर्जे को बदल नहीं सकता है. साथ ही कश्‍मीरी लोगों और पाकिस्‍तान को अवैध परिणामों को मानने के लिए बाध्‍य नहीं कर सकता है. पाकिस्‍तान कश्‍मीर में भारत के जनसांख्यिकी ढांचे और अंतिम दर्जे में बदलाव के प्रयास का पुरजोर विरोध करता रहेगा. गौरतलब है कि पाकिस्‍तान का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब उसके प्रधानमंत्री इमरान खान कश्‍मीर पर भारत से बातचीत के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं.

बातचीत के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली चाहता पाकिस्तान
इससे पहले 5 अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू और कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म कर दिया था. इसके बाद से इस प्रदेश में भारत का संविधान और कानून पूर्ण रूप से लागू हो गया है. इतना ही नहीं, भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो भागों में बाटते हुए राज्य का दर्जा खत्म कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. इसी फैसले से चिढ़ते हुए पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार रोककर अपने राजदूत को वापस बुला लिया था.

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