स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं? इसके उपचार के लिए हम क्या क्या उपाय कर सकते हैं?

स्ट्रोक(Stroke) बीमारी जिसे हम मस्तिष्क का दौरे का नाम से जानते हैं, यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति रुक जाती है या कहें मस्तिष्क में एक रक्त वाहिका फट जाती है।

स्ट्रोक बीमारी की समस्या मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन तथा पोषक तत्वों की भारी कमी के कारण होती है। ऐसी स्थिति में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं।

इन दोनों समस्याओं में आपका मस्तिष्क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है। स्ट्रोक एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसमें आप के दिमाग पर सीधा असर पड़ता है, जिससे आप विकलांग तक हो सकते हैं, समय पर इसका उपचार ना करने की स्थिति में इस गंभीर समस्या के वजह लोगों की मृत्यु तक हो जाया करती है।

स्ट्रोक बीमारी जैसी गंभीर समस्या भारत में मृत्यु तथा विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। हमारे भारत में 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

स्ट्रोक के प्रकार (Stroke ke prakaar)

स्ट्रोक मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

क्षणिक इस्केमिक स्ट्रोक (Transient ischemic attack)

इस्केमिक स्ट्रोक (ischemic stroke)

रक्तस्रावी स्ट्रोक (Hemorrhagic stroke)

क्षणिक इस्किमिक स्ट्रोक (Transient ischemic attack)

क्षणिक इस्केमिक स्ट्रोक बीमारी की बात करें तो इस स्ट्रोक को मिनिस्ट्रो के भी नाम से जाना जाता है। इस स्ट्रोक में आपके मस्तिष्क में खून का थक्का जम जाता है। जो आपके मस्तिष्क में अस्थाई रूप से रक्त के प्रवाह को ब्लॉक कर देता है। जिसको Transient ischaemic attack कहते हैं।

इस्केमिक स्ट्रोक(ischemic stroke)

इस्केमिक स्ट्रोक एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसमें रक्त का थक्का आपके मस्तिष्क में खून के प्रवाह की आपूर्ति को रोकता है। खून के प्रवाह के रुकने का मुख्य कारण एथेरोस्क्लेरोसिस माना जाता है, जो रक्त वाहिकाओं के अंदर परत पर फैटी व वसायुक्त जमाव के कारण देखने को मिलता है।

इनफेक्टिव वसायुक्त जमाव का एक हिस्सा जो आपके मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को रोकता है। यह स्थिति दिल के दौरे के समान है जो रक्त के थक्के को आपके हृदय के हिस्सों में रक्त के प्रवाह को रोकते हैं।

इस्केमिक स्ट्रोक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं

शलयीय स्ट्रोक (Embolic stroke)

शलयीय स्ट्रोक की बात करें, तो इसमें रक्त के थक्के आपके शरीर के दूसरे भाग से आपके मस्तिष्क तक जाते हैं। जो आमतौर पर आपके हृदय में होते हैं और रक्त वाहिकाओं के माध्यम से आपके दिमाग तक पहुंच जाते हैं।

थ्रोम्बोटिक स्ट्रोक (Thrombotic stroke)

थ्रोम्बोटिक स्ट्रोक में मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के का जमाव हो जाता है, इस स्ट्रोक से ग्रसित व्यक्ति के उपचार या कहें निजात दिलाना काफी मुश्किल माना जाता है।

रक्तस्रावी स्ट्रोक (Hemorrhagic stroke)

जब आपके मस्तिष्क में रक्त वाहिका टूट जाती है, तो रक्त आसपास के ऊतकों में फैलने लगता है। इस स्थिति को रक्तस्राव कहते हैं।

रक्त स्राव दो प्रकार के होते हैं

एन्यूरिज्म

एन्यूरिज्म जिसमें आपकी कमजोर रक्त वाहिकाओं का एक हिस्सा बाहर की ओर से फूल जाता है या शूज जाता है और कभी-कभी टूट या फट भी जाता है।

आर्टेरिओवेनोस मैलफॉर्मेशन

आर्टेरिओवेनोस मैलफॉर्मेशन असामान्य रूप से बनी हुई रक्त वाहिका है आती हैं अगर इस तरह की रक्त वाहिका है टूट जाती है तो इससे रक्त स्राव स्ट्रोक हो सकता है।

स्ट्रोक के लक्षण (Stroke ke lakshan)

बोलने और समझने में परेशानी होना।

चेहरे या पैर का एक हिस्से का सुन्न पड़ जाना तथा कमजोरी महसूस होना।

आंखों से धुंधला दिखाई देना।

सिर दर्द, उल्टी, चक्कर आना।

स्ट्रोक होने का कारण (Stroke hone ka karan)

स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या तब होती है, जब आपके मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति अच्छे से नहीं हो पाती। जिससे आपके मस्तिष्क को ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति नहीं हो पाती, जिसके फल स्वरूप आपके मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और आपको स्ट्रोक जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है।

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