जौ की तासीर कैसी होती है और इसे खाने के क्या-क्या लाभ हैं?

जौ एक प्रकार का अनाज है जो बहुत ही प्राचीन काल से हर साल उगाया जा रहा है। जौ की तासीर ठंडी होती है। वैसे तो दूसरे अनाज की तुलना इतना लोकप्रिय नहीं है लेकिन अगर बात स्वास्थ्य कि की जाये तो हम इसके औषधीय गुणों को कम नहीं लगा सकते। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन व कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर से जुड़ी कई परेशानियों का इलाज आसानी से कर सकते हैं। इसका पानी हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद मन जाता है। इसके पौधे गेहूं के पौधों की तरह ही लम्बे होते है। इसका स्वाद काफी फीका और स्वभाव में ये ठंडा होता है। आइये जानते है जौ के और फायदे और नुकसान के बारे में :

जौ खाने के फायदे

  • जौ में फाइबर के गुण होते है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और वजन को नियंत्रित करने का काम करते हैं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लंबे समय तक पेट को भरा रखते हैं, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती।
  • अगर आप किसी कारणवस जल जाते हैं तो जौ को बारीक़ पीस कर और तिल के तेल में मिलाकर जले हुए जगह पे लगाएं जरूर आराम मिलेगा।
  • अगर आपके गले में सूजन हैं तो सुबह के समय कच्चे जौ को चबा कर खाने से आराम मिल जाता है। लगभग एक लीटर पानी में एक कप जौ उबाल कर उसे ठंडा करके पिने से शरीर की शरीर की सूजन ख़त्म हो जाती है।
  • अगर आपको पथरी की समस्या है तो आपके लिए जौ रामबाण है इससे बानी हुई चीजे जैसे कि रोटी, जौ का सत्तू का सेवन करें पथरी गाल के निकल जाएगी।
  • मधुमेह के रोगियों के लिए और मोटापा कम करने के लिए जौ बहुत उपयोगी है। जौ की बानी हुई रोटी खाने से ये रोग नियंत्रण में रहता है।
  • उम्र के साथ साथ मोतियाबिंद की शिकायत सबको हो ही जाती है। जौ का औषधिय गुण इसको कम करने में सहायता करता है। 20-30 मिली त्रिफला के काढ़े में जौ को पकाकर, उसमें घी मिलाकर खाने से मोतियाबिंद में लाभ मिलता है।
  • जौ में जिंक के गुण मौजूद होते हैं जो सेक्‍सुअल हेल्‍थ के लिए बहुत जरुरी तत्‍व है। जिंक की कमी से स्‍पर्म काउंट कम हो सकते हैं। ये पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन (testosterone) स्तर को बढ़ावा देता है।
  • जौ की तासीर ठंडी होती है इसीलिए ये कई तरह की पेट संबंधी समस्‍याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकती है।
  • अस्‍थमा वाले रोगी के लिए जौ का नियमित सेवन लाभकारी होता है। नियमित रूप से जौ खाने से अस्‍थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यह एलर्जी आदि के प्रभाव को भी आसानी से दूर कर सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए जौ एक अच्‍छा आहार है। इसका पानी महिलाओं के पाचन को ठीक करता है।
  • यह मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में भी सहायक है।
  • महिलाएं गर्भावस्‍था के दौरान जौ को अपने नियमित आहार में शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकती हैं।

जौ के नुकसान

  • अधिक मात्रा में जौ का सेवन करने से आपको पेट में गैस और पेट फूलना जैसी समस्‍या हो सकती है।
  • गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को जौ का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
  • जौ में ग्‍लूटन की मौजूदगी होती है। जिसके कारण अधिक उपभोग करना खतरनाक होता है।
  • जौ में कार्बोहाइड्रेट भी होता है और अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन मोटापे का कारण बन सकता है।
  • जौ में कैल्शियम की मात्रा भी होती है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन पेट फूलने, गैस व कब्ज का कारण बन सकता है।

 

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