युवराज सिंह ने चयनकर्ताओं पर बोला हमला

पहली बार नहीं है जब युवराज सिंह ने चयन समिति की आलोचना की है. वे यो-यो टेस्‍ट को लेकर भी निशाना साध चुके हैं.

मुंबई: पूर्व भारतीय हरफनमौला युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय चयन समिति पर निशाना साधते हुए कहा कि टीम को निश्चित तौर पर बेहतर चयनसमिति की जरूरतहै क्योंकि ‘आधुनिक क्रिकेट को लेकर’ मौजूदा समिति की सोच का जो स्तर होना चाहिए वैसा नहीं है. युवराज ने यहां कहा, ‘हमें निश्चित तौर पर बेहतर चयनकर्ताओं की जरूरत है. चयनकर्ताओं का काम आसान नहीं होता है. जब भी वे 15 खिलाड़ियों का चयन करेंगे तब ऐसी बातें होंगी कि उन 15 खिलाड़ियों का क्या होगा जो टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे. यह मुश्किल काम है लेकिन मेरी समझ में आधुनिक क्रिकेट को लेकर उनकी सोच उस स्तर तक नहीं है जैसी होनी चाहिए थी.’

‘किसी खिलाड़ी या टीम के बारे में नकारात्मक सोच कर सही नहीं करेंगे’
पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं हमेशा से खिलाड़ियों के हितों की रक्षा का समर्थन करता हूं और उनके बारे में सकारात्मक सोचता हूं. आप किसी खिलाड़ी या टीम के बारे में नकारात्मक सोच कर सही नहीं करेंगे. आपके असली चरित्र के बारे में तभी पता चलता है जब खिलाड़ी का समय साथ नहीं देता है और आप उसे प्रेरित करते हैं. बुरे समय में, हर कोई बुरी बात करता है. हमें निश्चित रूप से बेहतर चयनकर्ताओं की जरूरत है.’

यो-यो टेस्‍ट की कर चुके हैं खिंचाई
यह पहली बार नहीं है कि युवराज ने चयन समिति की आलोचना की है. इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने पहले दावा किया था कि यो-यो टेस्ट (Yo Yo Test) को पास करने के लिए कहने के बाद चयनकर्ताओं ने उन्हें नहीं चुना था. युवराज ने विदेशी लीगों में खेलने के लिए जून में संन्यास की घोषणा की थी. वह आगामी अबूधाबी टी10 लीग में हिस्सा लेंगे, जिसका 15 नवंबर से सोनी सिक्स और सोनी टेन 3 पर प्रसारण होगा.

युवराज ने कहा कि सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के अध्यक्ष बनने के बाद बीसीसीआई में आमूलचूल परिवर्तन होने की संभावना है और अब खिलाड़ियों की भी सुनी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘सौरव के अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय क्रिकेट में कई नई चीजें होंगे. प्रशासकों की नजर में क्रिकेट और क्रिकेटरों की नजर में क्रिकेट में दोनों में काफी अंतर है. एक बेहद सफल कप्तान क्रिकेटरों के हितों को ध्यान में रखेगा जहां खिलाड़ियों की बातें भी सुनी जा सकती है. ऐसा पहले नहीं हुआ. अब वह क्रिकेटरों की बात भी सुनेंगे कि वे क्या चाहते हैं.’

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