नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े एक मामले में दोषी पाए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच.सी.गुप्ता एवं अन्य के लिए अधिकतम सात साल की जेल की मांग की है. सीबीआई ने दिल्ली की एक अदालत में सजा की मांग करते हुए दोषियों को सार्वजनिक पदों पर बैठे अपराधी बताया था. विशिष्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति भरत पराशर सजा के बारे में आज यानि 16 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएंगे. दोषियों की ओर से अदालत से उदारता बरतने की मांग की गई है.
झारखंड में राजहरा उत्तरी कोयला खंड को निजी कंपनी विनी आयरन एवं स्टील उद्योग लिमिटेड (विसुल) को कोयाल ब्लॉक आवंटित करने में अनियिमतता बरतने के मामले में कोड़ा और गुप्ता के अलावा कोड़ा के नजदीकी विजय जोशी और विसुल को दोषी करार दिया गया था.
दोषियों की ओर से अदालत से उदारता बरतने की मांग पर सीबीआई ने कहा कि इनके पदों और कृत्यों को देखते हुए उदारता बरतने का कोई आधार नहीं मिलता है. उसने कहा, ‘‘ये लोग सार्वजनिक पदों पर बैठे अपराधी हैं. यह उच्च सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का अनोखा मामला है.’’
सीबीआई ने कहा कि कोड़ा कोयला घोटाला के कुछ अन्य मामलों में भी आरोपी हैं जबकि पूर्व नौकरशाह गुप्ता एक अन्य कोयला घोटाला मामले में दोषी पाए गए हैं. गुप्ता के खिलाफ दस से अधिक मामले लंबित हैं.