नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर पुनर्गठन एक्ट लागू करने के लिए गृहमंत्रालय की अहम बैठक

सोमवार को लगातार 22वें दिन बाजार और स्कूल बंद रहे लेकिन शहर में निजी वाहनों की आवाजाही में सुधार हुआ है. घाटी के ज्यादातर हिस्सों में पाबंदियां हटाई जा चुकी हैं लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी.

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के बाद उसे लागू करने को लेकर गृह मंत्रालय में आज एक अहम बैठक होनी है. यह बैठक गृह सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में होगी जिसमें सरकार के कई मंत्रालयों के सचिव भी हिस्सा लेंगे. कैसे राज्य का पुनर्गठन किया जाए और संबंधित विभाग का कामकाज जम्मू कश्मीर और लेह में शुरू हो इस बात पर मंत्रालयों के बीच में चर्चा होगी. बैठकों का यह दौर आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा और सरकार की यही कोशिश है कि राज्य के पुनर्गठन से जुड़े जितने भी मुद्दे हैं उन पर जल्द ही काम शुरू हो.

आज होने वाली बैठक के मुख्य बिंदुओं पर नजर डालें तो राज्य में चल रही विकास परियोजनाएं सीधे आम जनता तक पहुंचे इसपर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. इन योजनाओं में केन्द्र सरकार की 85 इंडिविजुअल डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम प्रमुख हैं. इसके साथ ही पुनर्गठन अध्यादेश लागू होने तक जम्मू कश्मीर में राज्यपाल के पांचों सलाहकार की भूमिका को और महत्वपूर्ण बनाया जाएगा. पांचों सलाहकारों को अहम जिम्मेदारियां दी जाएंगी. राज्यपाल के ये सलाहकार के विजय कुमार, केके शर्मा, के स्कंदन, खुर्शीद गनई और फारुख खान हैं.

इसके अलावा 5 अगस्त के बाद जम्मू कश्मीर के लिए बनाई गई केन्द्र सरकार की वित्तीय कमेटी किस तरीके से काम करेगी इस बात पर भी चर्चा होगी. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों आईएएस और आईपीएस समेत अब तक राज्य सेवा के अधिकारियों का किस तरह से समावेश किया जाए और नया कैडर किस तरह से बनाया जाए, इसे लेकर भी आज होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी.

जम्मू कश्मीर को लेकर सरकार का लक्ष्य है पुनर्गठन के लिए दी गई 31 अक्टूबर की डेडलाइन से पहले सारी बाधाओं को दूर किया जाए. बता दें कि 31 अक्टूबर को सरदार पटेल के जन्मदिन के मौके पर सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य के पुनर्गठन का फैसला किया है. वहीं दूसरी ओर कश्मीर घाटी में हालात सामान्य हैं. सोमवार को लगातार 22वें दिन बाजार और स्कूल बंद रहे लेकिन शहर में निजी वाहनों की आवाजाही में सुधार हुआ है. घाटी के ज्यादातर हिस्सों में पाबंदियां हटाई जा चुकी हैं लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी. कश्मीर में ज्यादातर स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बहाल की जा चुकी हैं लेकिन कारोबार का केंद्र मानेजाने वाले लाल चौक और प्रेस एन्क्लेव इलाके में यह सेवा अब भी बंद है.

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