इस्तांबुल: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने रविवार (10 दिसंबर) को इजरायल को ‘आतंकी राष्ट्र’ बताया और यरुशलम को उसकी राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के फैसले से ‘हर तरह से मुकाबला करने’ का संकल्प जताया. एर्दोआन ने सिवास में अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘फिलिस्तीन बिना किसी गुनाह के पीड़ा झेल रहा है…जहां तक इजरायल का सवाल है, वह एक आतंकी राष्ट्र है, जी हां, आतंकी !’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम यरुशलम को एक ऐसे राष्ट्र की रहम पर नहीं छोड़ेंगे जो बच्चों की जान लेता है.’’ यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले के बाद एर्दोआन का यह बयान सामने आया है. इस फैसले को लेकर फिलिस्तीनियों में आक्रोश एवं मुस्लिम एवं अरब देशों में विरोध देखने को मिल रहा है.
वहीं दूसरी ओर अरब के विदेश मंत्रियों ने रविवार (10 दिसंबर) को कहा कि यरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने का अमेरिका का फैसला अवैध है. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अरब लीग के सदस्य देशों के मंत्रियों की शनिवार (9 दिसंबर) शाम एक लंबी बैठक चली और इसमें अमेरिका से अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह किया गया. बैठक में फैसले को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया गया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (6 दिसंबर) को घोषणा की कि वह यरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देते हैं और उन्होंने अमेरिकी उच्चायोग को तेल अवीव से यरुशलम ले जाने का फैसला किया. इस घोषणा की चारों तरफ से आलोचना की गई व इसका अरब और मुस्लिम देशों ने विरोध किया. अरब के मंत्रियों ने अपने अंतिम बयान में कहा कि अमेरिका के फैसले का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है. साथ ही कहा कि यह शांति के प्रयासों को कमजोर करता है और तनाव व क्रोध को बढ़ाने व क्षेत्र को हिंसा व अस्थिरता में धकेलता है.