मध्य प्रदेश: में सियासी उठापटक के बीच फ्लोर टेस्ट..!

मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक और संशय के बीच विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बना हुआ है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देर रात राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। कमलनाथ ने कहा कि वे फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। हालांकि, फ्लोर टेस्ट के बारे में स्पीकर फैसला लेंगे। वहीं, मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी सोमवार की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं है। सूची में बजट सत्र के पहले दिन होने वाले राज्यपाल के औपचारिक अभिभाषण और इसके बाद के धन्यवाद प्रस्ताव का जिक्र है। इस सूची को रविवार रात में जारी किया गया।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा, ‘मैंने राज्यपाल से कहा है कि मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं और जो विधायक बंधक बनाए गए हैं उन्हें मुक्त कराया जाना चाहिए।’ राजभवन से देर रात करीब 12 बजकर 20 मिनट पर बाहर आते हुए कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल ने उन्हें चर्चा के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल ने मुझसे कहा कि विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित की जाए। इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं सोमवार सुबह इस बारे में स्पीकर से बात करूंगा।’

‘कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं’

राज्यपाल के निर्देश पर कमलनाथ सरकार सोमवार को सदन में अपना बहुमत साबित करने की तैयारी में जुट गई है। भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के पास सदन में बहुमत नहीं है, वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि वह सदन में अपना बहुमत साबित करने में सफल रहेगी। कांग्रेस के मुताबिक छह-सात भाजपा विधायक कमलनाथ सरकार को समर्थन देंगे।

हाथ उठाकर मत विभाजन कराएं: बीजेपी

मध्य प्रदेश में रविवार को भाजपा नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर मांग की कि विधानसभा में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली काम नहीं करने पर मत विभाजन विधायकों का हाथ उठाकर कराने की व्यवस्था की जाए। टंडन से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि उन्हें पता चला है कि विधानसभा में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली काम नहीं कर रही है इसलिए राज्यपाल से आग्रह किया है कि सदन में मतों का विभाजन हाथ उठाकर किया जाए। हालांकि, इसके पूर्व राज्यपाल ने निर्देश दिए कि विश्वासमत पर मतविभाजन बटन दबाकर ही होगा और संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी विधानसभा स्वतंत्र रूप से कराएगी।

जानें क्या है सियासी गणित

मध्य प्रदेश के छह मंत्रियों सहित 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर होने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा की प्रभावी संख्या 228 से घटकर 222 हो गई है। बहुमत का जादुई आंकड़ा अब 112 हो गया है। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 से घटकर 108 पर आ गई है। विधानसभा में चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं। भाजपा के 107 विधायक हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं पर दो विधायकों के निधन के कारण वर्तमान संख्या 228 है।

कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाया पीसी शर्मा 

मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों को भाजपा ने बेंगलुरु में बंधक बनाया है। उन्हें वहां से भोपाल नहीं आने दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त करके प्रजातंत्र की हत्या कर रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यदि भाजपा ने कांग्रेस विधायकों को अपहरण कर बंधक बनाया है तो राज्यपाल ने शक्ति परीक्षण क्यों स्वीकार कर लिया है। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस झूठ बोल रही है।

तंत्र-मंत्र से वश में करने का आरोप 

पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं द्वारा बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों पर तंत्र विद्या का इस्तेमाल कर वश में किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों के परिवार वालों को भी डरा-धमका रहे हैं।

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