नई दिल्ली: अमित शाह बोले- राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को प्राथमिकता दें राज्य

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से डीजीपी सम्मेलन का स्वरूप बदलने का प्रयास किया है और इसका विश्लेषण करने पर हम देखते हैं कि कई समस्याओं का समाधान ढूंढने में हमें सफलता प्राप्त हुई है.

नई दिल्ली:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से डीजीपी सम्मेलन का स्वरूप बदलने का प्रयास किया है और इसका विश्लेषण करने पर हम देखते हैं कि कई समस्याओं का समाधान ढूंढने में हमें सफलता प्राप्त हुई है. सभी राज्यों को चाहिए कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को शीर्ष प्राथमिकता दें, ये देश और युवाओं के भविष्य की लड़ाई है जिसके लिए हमें एक दिशा में एक साथ लड़कर हर हालत में जीतना है.

गृह मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों के DGPs सीमा क्षेत्र में हो रहे डेमोग्राफिक परिवर्तन पर सजग निगरानी रखें. राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने राज्यों में, विशेषकर सीमांत जिलों में सभी तकनीकी और रणनीतिक महत्व की जानकारियां नीचे तक पहुंचाएं. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी ने ना सिर्फ देश की आंतरिक सुरक्षा पर थ्रस्ट दिया, बल्कि चुनौतियों का सामना करने के लिए तंत्र को भी मज़बूत किया.

उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, उत्तरपूर्व में विभिन्न उग्रवादी गुटों और वामपंथी उग्रवाद के रूप में जो तीन नासूर थे, उन्हें खत्म करने की दिशा में हमने बहुत बड़ी सफलता हासिल की है, इसके लिए मोदी के नेतृत्व में हमने कई नए कानून बनाए, राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया, बजटीय आवंटन बढ़ाया और तकनीक का अधिकतम उपयोग किया

अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS) के रूप में देश में पहली बार एक ऐसा सिस्टम डेवलप हुआ है, हमें इसे निचले स्तर तक परकोलेट करना चाहिए. सिर्फ कन्साइनमेन्ट को पकड़ना काफी नहीं है, ड्रग्स के नेटवर्क को समूल उखाड़ना और इसके स्रोत और डेस्टिनेशन की तह तक पहुंचना बेहद जरूरी है. हर राज्य के अच्छे इन्वेस्टिगेटिड केसेस की हमें डिटेल्ड अनालिसिस करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि NCORD की जिलास्तरीय नियमित बैठकें सुनिश्चित की जानी चाहिए और इनका उपयोग नीचे तक पहुंचाना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने टेक्नोलॉजी मिशन की शुरुआत की है, लेकिन वो सफल तभी होगा जब हम इसे नीचे तक पहुंचा पाएंगे. केंद्र सरकार ने विभिन्न प्रकार के अपराधों का डाटाबेस तैयार कर रहे हैं. देश में पहली बार साइंटिफिक अप्रोच के साथ इतने सारे मोर्चों पर एक साथ इतना काम हुआ है.

शाह ने कहा कि सुरक्षा तंत्र को मज़बूत करने के लिए हमें 5जी तकनीक का अच्छे से इस्तेमाल करना होगा. आधुनिक इंटेलिजेंस एजेंसी का आधारभूत सिद्धांत “Need to know” नहीं, बल्कि “Need To Share” एवं “Duty To Share” होना चाहिए क्योंकि जब तक अप्रोच में बदलाव नहीं आएगा तब तक हमें सफलता नहीं मिलेगी. तकनीक के साथ साथ हमें ह्यूमन इंटेलीजेंस के उपयोग पर भी बराबर थ्रस्ट देना चाहिए. ये सम्मेलन युवा अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर गहरी जानकारी देने में मदद करता है. विगत दो दिनों में विचार-विमर्श के लिए चुने गए सत्र प्रासंगिक और महत्‍वपूर्ण थे.

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