नई दिल्ली: कृषि कानून पर दो कदम पीछे हटने को तैयार सरकार-अब किसानों के फैसले का इंतजार

नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 57वें दिन में प्रवेश कर गया है. हालांकि 10वें दौर की वार्ता में सरकार की ओर से नए प्रस्ताव के बाद किसानों के आंदोलन का जल्द हल होने की उम्मीद जगी है.

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 57वें दिन में प्रवेश कर गया है. हालांकि 10वें दौर की वार्ता में सरकार की ओर से नए प्रस्ताव के बाद किसानों के आंदोलन का जल्द हल होने की उम्मीद जगी है. किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बुधवार को 10वें दौर की वार्ता प्रगति के साथ समाप्त हुई. किसान आंदोलन समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों के अमल पर 18 महीने तक रोक लगाने को तैयार हो गई. हालांकि, इस मसले पर अंतिम नतीजों के लिए अगली बैठक का इंतजार करना होगा, क्योंकि किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव पर अपना निर्णय बताने के लिए समय मांगा है.

सरकार के प्रस्ताव पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि लग रहा है कि सरकार ने थोड़ा विचार करना शुरू किया है. कल के प्रस्ताव पर हमने कहा है कि इस पर चर्चा करनी पड़ेगी. चर्चा में जो आम सहमति बनेगी उसे हम सरकार के पास रखेंगे.

सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 2 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि आज दो बजे संयुक्त मोर्चा की बैठक हो रही है. कानूनों को रद्द करने और MSP पर नया कानून बनाने से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है. 26 जनवरी का कार्यक्रम अटल है और ये हर हाल में होगा, उसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा.

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को तीनों किसी कानून खत्म करने होंगे और भी बहुत से मुद्दे हैं, जिन पर बातचीत होगी, किसानों की कमेटी भी आज आपस में बातचीत करेगी, जिसके बाद कल होने वाली किसानों और सरकार के बीच में बातचीत में किसान अपनी बात सरकार के सामने रखेंगे.

आंदोलन के साथ अब किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड पर अड़े हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर परेड को लेकर दिल्ली पुलिस से लगातार बातचीत चल रही है. किसान ट्रैक्टर परेड जरूर निकालेगा और वह भी दिल्ली में.

केंद्र सरकार की ओर से डेढ़ साल तक कृषि कानूनों को होल्ड पर रखकर कमेटी के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने सकारात्मक रूप से लिया है. किसान नेताओं का कहना है कि यह विचार करने लायक प्रस्ताव है. ऐसे में सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि आपसी राय मशविरा कर 22 जनवरी को होने वाली 11वें दौर की बैठक में सरकार को अपने रुख से अवगत कराएंगे. सरकार के बड़ा स्टैंड लेने के बाद आंदोलन के जल्द सुलझने के आसार दिखाई देने लगे हैं.

नए कृषि कानून पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध दूर करने की दिशा कदम बढ़ाते हुए सरकार ने कानून के अमल पर डेढ़ साल के लिए रोक लगाने का प्रस्ताव दिया है. अब इसको लेकर शुक्रवार को अगली बैठक होगी.

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