नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 का मामला संविधान पीठ को सौंपा

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिकाकर्ता को कश्मीर के अनंतनाग जाने की इजाजत दे दी. कोर्ट ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता को हिदायत भी दी कि आप इसके अलावा कोई और गतिविधि ना करें.

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने वाले संविधान संशोधन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनाई के दौरान कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी करते हुए पांच जजों की संविधान पीठ का गठन किया. पांच जजों की यह संविधान पीठ अक्टूबर के पहले हफ्ते में सुनवाई करेगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आज इसी मसले से जुड़ी 10 से ज़्यादा याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है. इनमें अनुच्छेद 370 को बेअसर करने वाले संविधान संशोधन को गलत बताया गया है.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिकाकर्ता को कश्मीर के अनंतनाग जाने की इजाजत दे दी. कोर्ट ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता को हिदायत भी दी कि आप इसके अलावा कोई और गतिविधि ना करें. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील संजय हेगड़ ने एक याचिका कर्ता की ओर से कहा कि मैं परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहा हूं. इस पर चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि क्या आप वहां जाना चाहेंगे?

इसके जवाब में हेगड़ ने कहा कि अगर अगर सुरक्षित तरीके से हो सके तो. इसके बाद सीजेआई ने कहा कि हम आदेश देते हैं कि याचिकाकर्ता अनंतनाग जाए। अगर सुरक्षा ज़रूरी है तो सरकार इसे देखे. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार को राहत देने वाली टिप्पणी भी. चीफ जस्टिस ने कहा कि वहां हालात सामान्य बनाने की कोशिशें हो रही हैं। सबको ये समझना चाहिए.

लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी की याचिका पर उनके वकील ने कोर्ट से कहा मैं अपनी पार्टी के पूर्व विधायक से नहीं मिल पाया। मुझे एयरपोर्ट से लौटा दिया गया. इस पर कोर्ट ने उन्हें भी रात देते हुए कहा कि आप जाइए। सिर्फ अपने दोस्त से मिलने के लिए। उनका हाल-चाल लीजिए। वापस आ जाइए। और कोई गतिविधि न करें.

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