युद्ध टालने की कोशिश, बाइडन बोले- पुतिन यूक्रेन पर हमला न करें, तो उनसे करूंगा मुला​कात

अमेरिका ने कहा है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ सैद्धांतिक रूप से मुलाकात करने के लिए तैयार हो सकते हैं।

वाशिंगटन। रूस और यूक्रेन के बीच जंग को लेकर तनाव चरम पर है। इसी बीच अमेरिका द्वारा इसे टालने के हरसंभव प्रयास जारी हैं।  हाल ही में रूस समर्थक यूक्रेन के प्रदर्शनकर्ताओं के हमले में एक यूक्रेन सैनिक की मौत भी हो गई थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रूस को चेतावनी दे रहे हैं। हालांकि रूस प्रत्यक्ष रूप से इस तनाव के बीच अमेरिका ने कहा है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ सैद्धांतिक रूप से मुलाकात करने के लिए तैयार हो सकते हैं। यह बात इस मायने में अहम है कि ​हाल ही में बाइडन ने यह दावा किया था कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इस तनाव के बीच बाइडन ने पुतिन से मुलाकात का यह नया प्रस्ताव रखा है।

दरअसल, पश्चिमी देशों के नेताओं ने आगाह किया है कि रूस अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला कर सकता है और उसने तीनों तरफ सीमा के लगभग 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है। रूस ने शनिवार को पड़ोसी देश बेलारूस में परमाणु हथियारों और पारंपरिक युद्धाभ्यास किया। काला सागर तट के पास भी उसके नौसैनिकों ने अभियान में हिस्सा लिया। इन तैयारियों से इस बात को बल मिला कि रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी रूस पर युद्ध के लिए उत्सुक होने का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वह 1945 के बाद यूरोप के सबसे बड़े युद्ध की योजना बना रहा है।ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि जो संकेत दिख रहे हैं, उनसे तो यही पता चलता है कि रूस ने योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है। बोरिस जॉनसन के अनुसार रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है।

रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डालना जरूरी

वहीं ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस ने भी चेतावनी दी है कि अगर पुतिन को यूक्रेन पर हमला करने दिया गया तो वह अन्य पड़ोसी देशों पर भी हमला करेंगे। उन्होंने अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वह एकजुट होकर रूस पर दबाव डाले। उन्होंने कहा कि पुतिन को रोकने की जरूरत है, क्योंकि वह सिर्फ यूक्रेन पर नहीं रुकेंगे। वह बहुत ही चालाक हैं और उनकी महत्वाकांक्षा उन्हें बस यूक्रेन पर कब्जा करने पर नहीं रुकने देगी, बल्कि वह समय को वापस 1990 या उससे पहले के दौर में वापस ले जाना चाहते हैं।

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