उन्नाव रेप: CJI कल करेंगे सुनवाई, कहा- दुर्भाग्यवश पत्र अभी तक सामने नहीं आया है

उन्नाव रेप पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी खत लिखा था। जिसमें उसने लिखा था उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए जो हमें धमका रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट मांगी है कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के चीफ जस्टिस के नाम पत्र को उसके समक्ष क्यों पेश नहीं किया गया। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि दुर्भाग्यवश पत्र अभी तक सामने नहीं आया है और समाचार पत्रों ने ऐसे समाचार प्रकाशित किए हैं कि जैसे मैंने पत्र पढ़ लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले पर उत्तर प्रदेश प्राधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी और इसे गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

एएनआई के मुताबिक, सीजेआई रंजन गोगोई ने बुधवार को सक्रेटरी जनरल से यह बताने के लिए कहा कि इससे पहले पत्र देने में देरी क्यों हुई। सीजेआई का कहना है, ‘इस विनाशकारी माहौल में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश की जाएगी।’

सुप्रीम कोर्ट ने जनरल सेक्रेटरी से पूछा कि वह बताएं कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता द्वारा भेजे गए पत्र (12 जुलाई को) को अदालत के सामने क्यों नहीं रखा गया। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी मांगी गई।

आपको बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता के साथ उत्तर प्रदेश के रायबरेली में रविवार को हुए एक्सीडेंट के बाद जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया तो वहीं दूसरी तरफ इस एक्सीडेंट को एक षडयंत्र बताया जा रहा है।

चीफ जस्टिस को उन्नाव रेप पीडिता ने लिखा था खत

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी खत लिखा था। यह खत 12 जुलाई 2019 को उन्नाव रेप पीड़िता की तरफ से लिखा गया है। इसमें यह कहा गया है- “उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए जो हमें धमका रहे हैं।” पत्र में आगे लिखा गया है- “लोग मेरे घर आते हैं, धमकाते हैं और केस वापस लेने की बात कर ये कहते हैं कि ऐसा नहीं किया तो पूरे परिवार को फर्जी केस में जेल में बंद करवा देंगे।”

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