बिहार: बारिश रुकी तो पटना समेत राज्य में बचाव कार्य

पटना में बारिश रुकने के बाद राहत और बचाव कार्य भी तेज हो गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की कुल 22 टीमें तैनात की गई हैं, जिसमें से 6 टीमें पटना में लगाई गई हैं।

पटना में बारिश रुकने के बाद राहत और बचाव कार्य भी तेज हो गया है। जलजमाव वाले इलाकों के लोगों को राहत देने के लिए प्रशासन ने छह और जगहों पर राहत शिविर बनाए हैं। अब कुल 12 जगहों पर राहत शिविर चल रहे हैं। प्रशासन का दावा है कि अब तक 37 हजार से अधिक लोगों को राहत शिविर में लाया जा चुका है। नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी ने मंगलवार को कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा की अध्यक्षता में एक बैठक कर पटना के हालात का जायता लिया। बिहार में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की कुल 22 टीमें तैनात की गई हैं, जिसमें से 6 टीमें पटना में लगाई गई हैं। भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर्स लोगों को रेस्क्यू करने के अलावा उनतक खाने पीने की चीजें पहुंचा रहे हैं।

पटना में मशीन से पानी हटाया जा रहा
पटना में मशीनों का इस्तेमाल कर पानी को पंप किया जा रहा है। राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार की टीमें पीने का पानी और खाद्य सामग्री वितरित कर रही हैं और बिजली सप्लाई को ठीक करने का काम तेजी से किया जा रहा है। पटना में जिन स्थलों पर शिविर संचालित हो रहे हैं, उनमें राजेंद्रनगर स्थित धनुष ब्रिज, दिनकर गोलंबर, कंकडबाग सांईं मंदिर, एसके पुरी, एनएमसीएच पटना सिटी, पत्रकारनगर सह हनुमाननगर, वैशाली गोलंबर, भूतनाथ रोड, कांटी फैक्ट्री, मलाही पकड़ी, पाटलिपुत्र गोलंबर, राजीवनगर, शिवपुरी, पटेलनगर तथा फ्रेंड्स कॉलोनी शामिल हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने आपदा राहत कार्य के लिए 12 और नए पदाधिकारियों को तैनात किया है।
पानी के 25 हजार पैकेट वितरित हुए

अभी तक 27 सौ फूड पैकेट तैयार कर पीड़ितों परिवारों को वितरित किया गया। प्रशासन ने हर शिविर के लिए एक नोडल अधिकारी की तैनात किया है, पर शिकायत है कि अधिकतर अफसर या तो अपना फोन बंद रखे हैं या उठा नहीं रहे हैं। यहां तक कि अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन और जिला कंट्रोल रूम के प्रभारी भी लोगों के फोन नहीं उठा रहे हैं, जिससे लोग समस्या दर्ज करा सकें। जिला कंट्रोल रूम में भी कई बार फोन करने पर रिस्पांस मिल रहा है। प्रशासन का कहना है कि अब तक 25 हजार पीड़ितों को पानी का पाउच एवं बोतल वितरित की जा चुकी है। बच्चों को पांच हजार पैकेट दूध भी दिया गया है।

कम्युनिटी किचेन भी शुरू किया गया
पीएचईडी द्वारा 60 वाटर टैंकर की व्यवस्था की गई है, जहां लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। डीएम ने बताया कि बाढ़ राहत कार्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 35 मोटर बोट के साथ 75 ट्रैक्टर एवं 10 बसों की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने महाराणा प्रताप भवन, दिनकर गोलंबर एवं कॉमर्स कॉलेज में कम्युनिटी किचेन शुरू किया है। किचेन से लोगों को भोजन से संबंधित क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। इसके अलावा जकनीमोड़, पाटलिपुत्र गोलंबर, जगनपुरा और कॉलेज आफ कॉमर्स परिसर मुफ्त लिट्टी-चोखा की व्यवस्था की गई है।

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