गुड़गांव : गुड़गांव के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा एक शव को उसके परिजनों को सौंपे जाने को लेकर बड़ी लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. इस अस्पताल ने शोकाकुल परिवार को किसी अन्य पुरुष की डेड बॉडी दे दी. इसका खुलासा तब हुआ जब क्रिया कर्म की तैयारी के वक्त पार्थिव शरीर से चादर हटाई गई तो उन्होंने पाया कि वह बॉडी किसी अन्य पुरुष की थी.
दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कासगंज की रहने वाली 50 वर्षीय मंगो देवी के सिर में 10 दिन पहले गंभीर चोट लग गई थी. उनका इलाज यहां सेक्टर-9 स्थित ईएसआईसी अस्पताल में चल रहा था और 20 नवंबर को उन्हें गुड़गांव के साउथ सिटी स्थित पार्क हॉस्पिटल में रेफर किया गया था. यहां बीते मंगलवार की देर रात उनकी मौत हो गई थी. इस दौरान अस्पताल में उनके साथ उनका 30 वर्षीय बेटा ही था. रात एक बजे अस्पताल प्रशासन ने उसके बेटे को डेड बॉडी ले जाने के लिए कह दिया. इस दौरान ही अस्पताल की तरफ से लापरवाही बरती गई. अस्तपाल के स्टाफ ने महिला की जगह किसी अन्य पुरुष की डेड बॉडी एंबुलेंस में रख दी.
खबर के अनुसार, सुबह 6 बजे शव को कासगंज में छोड़कर एंबुलेंस चालक वापस लौट गया. जब घरवाले क्रिया कर्म की तैयारी में जुटे तो उन्हें डेड बॉडी बदले जाने की जानकारी हुई. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल से संपर्क किया तो पता चला कि डेड बॉडी बदलकर दे दी गई है. इसके बाद अस्पताल ने दूसरी एंबुलेंस से महिला की डेड बॉडी को कासगंज भेजा. बुधवार शाम तक महिला के परिजन अस्पताल प्रशासन की तरफ से महिला की बॉडी का इंतजार करते रहे.
इस बाबत अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि ‘इस मामले में दोनों तरफ से गलती हुई. तीमारदार ने एक बार भी बॉडी को नहीं देखा और स्टाफ ने भी लापरवाही बरतते हुए महिला की जगह की पुरुष की बॉडी रख दी’.
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, दूसरी डेड बॉडी भरत सिंह (40) की थी. उनकी मौत छत से गिरने हुई थी. पुलिस द्वारा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था. अभी तक उसके परिजनों के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है. ऐसे में भरत सिंह की बॉडी महिला के परिजनों के पास उत्तर प्रदेश में रही.