कश्मीर समस्या का हल शुरू हो गया है, अनुपम खेर का ट्वीट

जम्मू-कश्मीर में तनावपूर्ण हालात के बीच बॉलीवुड के अभिनेता अनुपम खेर ने सोमवार को कहा कि ‘कश्मीर समस्या का हल’ निकलना शुरू हो गया है। अनुपम खेर ने ट्वीट किया, “कश्मीर का समाधान आरंभ हो गया।” आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाए जाने के साथ ही रविवार को तनाव की स्थिति बनी रही।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा शुक्रवार (2 अगस्त) को अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने और तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी लाइनों में खड़े नजर आए।

जम्मू क्षेत्र में भी सुरक्षा बलों की तैनाती

वहीं दूसरी ओर, कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच जम्मू क्षेत्र में भी सुरक्षा बढ़ाई दी गयी है और सीमावर्ती पुंछ और राजौरी जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अधिकारियों ने कहा कि आतंकी हमलों की धमकी के मद्देनजर बीते दो दिनों में जम्मू जिले के अलग-अलग जिलों में आरएएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ समेत विभिन्न केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कई कंपनियों को तैनात किया गया है।

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अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में तैनात आरएएफ की टुकड़ियों ने सुरक्षा अभ्यास के तहत स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के साथ एक इलाके में गश्त की। जम्मू क्षेत्र में हालात कमोबेश सामान्य रहे हैं, लेकिन राजौरी और पुंछ, डोडा, किश्तवाड़ समेत विभिन्न जिलों से यहां आ रहीं रिपोर्टों के मुताबिक भारी संख्या में बलों की तैनाती से लोगों में घबराहट है। रिपोर्ट में मुताबिक अधिकतर एटीएम में नकदी नहीं है क्योंकि लोगों ने हालात के मद्देनजर जरूरी सामान खरीदकर जमा करना शुरू कर दिया है।

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इस बीच नेशनल पैंथर्स पार्टी के चेयरमेन और राज्य के पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह ने कहा कि जम्मू के शांतिपूर्ण और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से मुक्त होने के बावजूद यहां भी तनाव पैदा हो गया है।

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हर्ष ने कहा, “कश्मीर की स्थिति से निपटने के लिए सेना की भारी तैनाती और पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को परामर्श जारी करने से जम्मू क्षेत्र के लोगों के सामाजिक-आर्थिक जीवन पर भी असर पड़ा है। जम्मू को न केवल अशांत और असुरक्षित क्षेत्र रूप में पेश किया जा रहा है बल्कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।” उन्होंने कहा कि जम्मू, जम्मू-कश्मीर का हिस्सा होने की कीमत चुकाता रहा है।

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