बिहार: जहरीली शराब कांड के पीड़ितों को मुआवजा नहीं देने पर आखिर क्यों अड़े हैं CM नीतीश कुमार?

पटना. बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर मचा बवाल कम होने का नाम नहीं ले रहा. करीब 70 लोगों की मौत की खबर के बाद राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कड़ी आलोचना झेल रहे हैं. इस दर्दनाक घटना ने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकार कानूनी रूप से पीड़ितों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के लिए मजबूर है.

बता दें सीएम नीतिश कुमार 15 दिसंबर को उन्हें ‘असंवेदनशील और मूढ़’ कहने पर विपक्ष पर भड़के थे. उन्होंने जहरीली शराब पर बयान दिया था, पिओगे तो मरोगे. हम जहरीली शराब से मरने वाले के परिवारों को एक रुपया नहीं देने वाले. मैंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि गरीबों की गिरफ्तार मत करना, लेकिन उन लोगों पर नजर जरूर रखना जो राज्य में अवैध शराब का धंधा चला रहे हैं.

बम लगाने वालों को भी मुआवजा देते हैं क्या- कुशवाह
उन्होंने कहा, हमारी सरकार उन गरीबों को व्यवसाय के लिए एक लाख रुपये देने के लिए तैयार थी, जो राज्य में देशी शराब बना रहे थे. सीएम नीतीश कुमार की ही तरह जद (यू) के वरिष्ठ ने ता उपेंद्र कुशवाह ने कहा, ‘अवैध शराब से मारे गए लोगों के परिवारों के लिए मुआवजा मांगना उसी तरह है, जैसे किसी बम बनाने और उसे लगाने वाले के लिए राहत मांगना. क्या राज्य सरकार उन लोगों को भी भुगतान करेगी जो बम लगाते हैं. ऐसा कभी नहीं होता.’

बीजेपी कर रही घेराव
गौरतलब है कि बिहार में साल 2016 में हुई शराब बंदी के बाद जहरीली शराब की यह सबसे दर्दनाक घटना है. इसे लेकर बीजेपी नीतीश-तेजस्वी के नेतृत्व वाली सरकार का घेराव कर रही है. एक वक्त सीएम नीतीश कुमार के करीबी रहे बीजेपी के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, सरकार सारण में जहरीली शराब पीकर मारे गए लोगों के साथ भेदभाव नहीं कर सकती, क्योंकि इसी सरकार ने साल 2016 में खजूरबानी शराब कांड में मारे गए लोगों को मुआवजा दिया था. उस वक्त 19 लोग जहरीली शराब पीकर मारे गए थे.

बीजेपी पर लगा आरोप
जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह ने एक तस्वीर शेयर की. उसमें दिखाया गया था कि जहरीली शराब से मरने वाले राज्यों में बीजेपी शासित राज्य ज्यादा हैं. इस बात को सुशील कुमार मोदी ने सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा बिहार सरकार लोगों की मौत का आंकड़ा छुपा रही है. साल 2016 से अभी तक एक हजार से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीकर मर चुके हैं.

वहीं माना जा रहा है कि नीतीश सरकार अगरजहरीली शराब से होने वाली मौतों के लिए मुआवजे का भुगतान करने के लिए तैयार हो जाती है, तो इससे बीजेपी को राजनीतिक लाभ मिलेगा. वहीं इस कदम के राज्य पर वित्तीय प्रभाव भी होंगे.

पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे  और शेयर करें

आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें यूट्यूब और   पर फॉलो लाइक करें

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts